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सावन की बरसे बदरिया(Sawan Ki Barse Badariya Maa Ki Bhingi Chunariya)

सावन की बरसे बदरिया

सावन की बरसे बदरिया,

माँ की भीगी चुनरीया,

भीगी चुनरिया माँ की ॥


लाल चुनड माँ की चम चम चमकै,

माथे कि बिंदिया भी दम दम दमकै,

हाथो मे झलके कंगणिया,

माँ की भिगी चुनरिया ॥

॥ सावन की बरसे बदरिया...॥


छाई हरियाली, झूमे अम्बुआ की डाली,

होके मतवाली, कुके कोकलिया काली,

बादल मे कडके बिजुरिया,

माँ की भीगी चुनरिया ॥

॥ सावन की बरसे बदरिया...॥


ऊँचा भवन तेरा ऊँचा है डेरा,

कैसे चढूं, पाँव फ़िसले है मेरा,

तेढी मेढी है डगरिया,

माँ की भीगी चुनरिया ॥

॥ सावन की बरसे बदरिया...॥


काली घता पानी भर भर के लाई,

झूला झुले जगदम्बे भवानी,

हम सब पे माँ की नजरिया,

माँ की भीगी चुनरिया ॥

॥ सावन की बरसे बदरिया...॥


सावन की बरसे बदरिया

सावन की बरसे बदरिया,

माँ की भीगी चुनरीया,

भीगी चुनरिया माँ की॥

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