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सतगुरु मेरे कलम हाथ तेरे(Satguru Mere Kalam Hath Tere)

सतगुरु मेरे कलम हाथ तेरे,

के सोहने सोहने लेख लिख दे,

मैं वारि मैं वारि वारि जावा,

के सोहने सोहने लेख लिख दे,


सतगुरु मेरे कलम हाथ तेरे,

के सोहने सोहने लेख लिख दे,

मैं वारि मैं वारि वारि जावा,

के सोहने सोहने लेख लिख दे,

हत्था ते लिख दे सेवा गुरा दी,

सेवा गुरा दी सेवा गुरा दी,

सेवा करदी कदे वी ना थका,

के सोहने सोहने लेख लिख दे,


सतगुरु मेरे कलम हाथ तेरे,

के सोहने सोहने लेख लिख दे,

मैं वारि मैं वारि वारि जावा,

के सोहने सोहने लेख लिख दे,


पैरा च लिख दे सत्संग जाना,

सत्संग जाना सत्संग जाना,

सत्संग जांदी कदे वी ना थका,

के सोहने सोहने लेख लिख दे,


सतगुरु मेरे कलम हाथ तेरे,

के सोहने सोहने लेख लिख दे,

मैं वारि मैं वारि वारि जावा,

के सोहने सोहने लेख लिख दे,


अखा च लिख दे दर्शन प्यारे,

दर्शन प्यारे दर्शन प्यारे,

दर्शन करदी कदे वी ना थका,

के सोहने सोहने लेख लिख दे,


सतगुरु मेरे कलम हाथ तेरे,

के सोहने सोहने लेख लिख दे,

मैं वारि मैं वारि वारि जावा,

के सोहने सोहने लेख लिख दे,


स्वासा च लिख दे नाम गुरा दा,

नाम गुरा दा नाम गुरा दा,

नाम जपदी कदे वी ना थका,

के सोहने सोहने लेख लिख दे,


सतगुरु मेरे कलम हाथ तेरे,

के सोहने सोहने लेख लिख दे,

मैं वारि मैं वारि वारि जावा,

के सोहने सोहने लेख लिख दे

पितृ पक्ष की पौराणिक कथा

संतान के द्वारा श्राद्धकर्म और पिंडदान आदि करने पर पितरों को तृप्ति मिलती है, और वे अपनी संतानों को धन-धान्य और खुश रहने का आशीर्वाद देते हैं।

मेरी मां के बराबर कोई नहीं

ऊँचा है भवन, ऊँचा मंदिर
ऊँची है शान, मैया तेरी
चरणों में झुकें बादल भी तेरे
पर्वत पे लगे शैया तेरी

मां दुर्गा के चमत्कारिक मंदिर

भारत को आध्यात्म और साधना का प्रमुख केंद्र माना जाता है। वर्तमान में चल रहे महाकुंभ ने फिर से पूरे विश्व में यह बात पहुचाई है। नवरात्रि के अलावा यहां प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को भी दुर्गाष्टमी मनाई जाती है।

वैशाख अमावस्या पर चालीसा का पाठ

हिंदू धर्म में वैशाख माह की अमावस्या तिथि विशेष रूप से पवित्र मानी जाती है। यह दिन पितरों को स्मरण करने और उन्हें प्रसन्न करने के लिए अत्यंत शुभ होता है।

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