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सारे जहाँ के मालिक तेरा ही आसरा है(Sare Jahan Ke Malik Tera Hi Aasara Hai)

सारे जहाँ के मालिक, तेरा ही आसरा है,

राजी हैं हम उसी में, जिस में तेरी रजा है,


सारे जहाँ के मालिक, तेरा ही आसरा है,

हम क्या बताएं तुमको, सब कुछ तुझे खबर है,

हर हाल में हमारी, तेरी तरफ नजर है,

किस्मत है वो हमारी, जो तेरा फैसला है,

राजी हैं हम उसी में, जिस में तेरी रजा है,


सारे जहाँ के मालिक, तेरा ही आसरा है,

राजी हैं हम उसी में, जिस में तेरी रजा है,


हाथों को दुआ की, खातिर मिलाएं कैसे,

सजदे में तेरे आकर, सर को झुकाएं कैसे,

मजबूरियां हमारी, बस तू ही जानता है,

राजी हैं हम उसी में, जिस में तेरी रजा है,


सारे जहाँ के मालिक, तेरा ही आसरा है,

राजी हैं हम उसी में, जिस में तेरी रजा है,


रो कर कटे या हंस कर, कटती है जिंदगानी,

तू गम दे या ख़ुशी दे, सब तेरी मेहेरबानी,

तेरी ख़ुशी समझकर, सब गम भुला दिया है,

राजी हैं हम उसी में, जिस में तेरी रजा है,


सारे जहाँ के मालिक, तेरा ही आसरा है,

राजी हैं हम उसी में, जिस में तेरी रजा है,


दुनिया बना के मालिक, जाने कहाँ छिपा है,

आता नहीं नजर तू, बस इक यही गिला है,

भेजा इस जहाँ में, जो तेरा शुक्रिया है,

राजी हैं हम उसी में, जिस में तेरी रजा है,


सारे जहाँ के मालिक, तेरा ही आसरा है,

राजी हैं हम उसी में, जिस में तेरी रजा है,

जय जय जननी श्री गणेश की (Jai Jai Janani Shri Ganesh ki)

जय जय जननी श्री गणेश की
जय जय जननी श्री गणेश की

जहाँ राम की चर्चा होती, आता बजरंग बाला (Jahan Ram Ki Charcha Hoti Aata Bajrang Bala)

जहाँ राम की चर्चा होती,
आता बजरंग बाला,

रण में आयी देखो काली(Ran mein aayi dekho Kali)

रण में आयी देखो काली,
खून से भरने खप्पर खाली,

ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अपरा नामक एकादशी (Jyesth Mas Ke Krishna Paksh Ki Apara Namak Ekaadshi)

इतनी कथा सुनने के बाद महाराज युधिष्ठिर ने पुनः भगवान् कृष्ण से हाथ जोड़कर कहा-हे मधुसूदन । अब आप कृपा कर मुझ ज्येष्ठ मास कृष्ण एकादशी का नाम और मोहात्म्य सुनाइये क्योंकि मेरी उसको सुनने की महान् अच्छा है।

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