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संकट के साथी को हनुमान कहते हैं(Sankat Ke Sathi Ko Hanuman Kahate Hain)

दुनिया के मालिक को भगवान कहते हैं

संकट के साथी को हनुमान कहते हैं॥


पढ़ लो सारे वेद और पुराण कहते हैं

संकट के साथी को हनुमान कहते हैं॥

॥ दुनिया के मालिक को भगवान...॥


दुनिया के मालिक को भगवान कहते हैं

संकट के साथी को हनुमान कहते हैं


जब रिश्तेदार तुमसे मुखड़ा छुपाए, हनुमान तेरा साथ निभाए

हनुमान तेरा साथ निभाए, हनुमान तेरा साथ निभाए


जब दुनिया वाले दें ना सहारा, हनुमान पकड़े दामन तुम्हारा

हनुमान पकड़े दामन तुम्हारा, हनुमान पकड़े दामन तुम्हारा


पढ़ लो सारे

पढ़ लो सारे वेद और पुराण कहते हैं

पढ़ लो सारे वेद और पुराण कहते हैं


संकट के साथी को हनुमान कहते हैं

संकट के साथी को हनुमान कहते हैं

॥ दुनिया के मालिक को भगवान...॥


जो काम इसके वश में नहीं है,

एक काम हमको ऐसा बता दो

एक काम हमको ऐसा बता दो,

एक काम हमको ऐसा बता दो


हनुमान खुश हो जाएगा तुमसे,

बस इनको थोड़ा सिंदूर लगा दो

बस इनको थोड़ा सिंदूर लगा दो,

बस इनको थोड़ा सिंदूर लगा दो


दुनिया के

दुनिया के सारे इंसान कहते हैं

दुनिया के सारे इंसान कहते हैं


संकट के साथी को हनुमान कहते हैं

संकट के साथी को हनुमान कहते हैं

॥ दुनिया के मालिक को भगवान...॥


दिल से जो इनकी भक्ति करेगा, हनुमान उसका साथी बनेगा

हनुमान उसका साथी बनेगा, हनुमान उसका साथी बनेगा


‘बनवारी’ जो भी शरण में रहेगा, ये उसका बेड़ा पार करेगा

ये उसका बेड़ा पार करेगा, ये उसका बेड़ा पार करेगा


इनके बारे में

इनके बारे में श्रीराम कहते हैं

इनके बारे में श्रीराम कहते हैं


संकट के साथी को हनुमान कहते हैं

संकट के साथी को हनुमान कहते हैं

॥ दुनिया के मालिक को भगवान...॥


संकट के साथी को हनुमान कहते हैं

संकट के साथी को हनुमान कहते हैं


मेरे कंठ बसो महारानी (Mere Kanth Baso Maharani)

मेरे कंठ बसो महारानी,
ना मैं जानू पूजा तेरी,

आरती अहोई माता जी की (Aarti Ahoi Mata Ji Ki)

जय अहोई माता, जय अहोई माता।
तुमको निसदिन ध्यावत, हर विष्णु विधाता॥

मै तो लाई हूँ दाने अनार के (Main To Layi Hu Daane Anaar Ke)

मैं तो लाई हूँ दाने अनार के,
मेरी मैया के नौ दिन बहार के ॥

विवाह पंचमी क्यों मनाई जाती है

मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी मनाई जाती है जो भगवान श्रीराम और माता सीता के विवाह की स्मृति में मनाया जाने वाला पवित्र पर्व है। सनातन धर्म में इस पर्व का विशेष महत्व है।

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