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संकट हरलो मंगल करदो, प्यारे शिव गौरा के लाल(Sankat Harlo Mangal Kardo Pyare Shiv Gaura Ke Lal)

संकट हरलो मंगल करदो,

प्यारे शिव गौरा के लाल,

अब विनती सुनलो गणपति देवा ॥


हे गणनायक देव गजानन,

मूषक चढ़कर आओ,

हाथ जोड़कर द्वार खड़े है,

अब ना देर लगाओ,

गजानन जल्दी से तुम आओ,

आकर के अपने भक्तों का,

तुम जान लो दिल का हाल,

अब विनती सुनलो गणपति देवा ॥


तुमको ना बतलाए तो हम,

अपनी किसे बताएं,

तुम ही बता दो सिद्धिविनायक,

किसके द्वार पे जाए,

बताओ किसको अपनी सुनाएं,

दुःख के बादल ने घेरा हमें,

संकट का फैला जाल,

अब विनती सुनलो गणपति देवा ॥


संकटहर्ता संकट काटो,

चारो तरफ तेरा राज,

कर दो अब खुशियों की वर्षा,

हे गणपति महाराज,

हमारे पूरण कर दो काज,

सबके पूरण तुम काम करो,

जग में है तेरी मिसाल,

अब विनती सुनलो गणपति देवा ॥


टूट रही है आस की डोरी,

डोल रहा विश्वास,

अब तो हमें तुम अपनी दया का,

दे दो प्रभु प्रसाद,

कहीं अब टूट ना जाए आस,

जैसे भी हो अब तो तुमको,

देवा करना है कमाल,

अब विनती सुनलो गणपति देवा ॥


संकट हरलो मंगल करदो,

प्यारे शिव गौरा के लाल,

अब विनती सुनलो गणपति देवा ॥

मन मेरा मंदिर, शिव मेरी पूजा(Man Mera Mandir Shiv Meri Pooja)

ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय
सत्य है ईश्वर,

भगवान परशुराम की पूजा कैसे करें?

भगवान परशुराम का जन्म राजा जीमूतवाहन और उनकी पत्नी रेणुका के घर हुआ था। वे ब्राह्मण कुल से थे, लेकिन उनके कार्यक्षेत्र में शस्त्र-विद्या का ज्ञान और युद्धकला का अभ्यास था। उन्हें भगवान विष्णु के दशावतार में एक माना जाता है। परशुराम जी ने भगवान शिव से भी शिक्षा ली थी।

जन्मे अवध में, दशरथ के ललना (Janme Awadh Mein Dashrath Ke Lalna)

जन्मे अवध में,
दशरथ के ललना,

स्कंद षष्ठी व्रत कथा

स्कंद षष्ठी का व्रत हर माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन रखा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, साल 2025 की पहली स्कन्द षष्ठी 05 जनवरी को मनाई जाएगी।

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