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शंभू नाथ मेरे दीनानाथ: शिव भजन (Sambhu Nath Mere Dinanath)

शंभू नाथ मेरे दीनानाथ मेरे भोले नाथ मेरे आ जाओ,

भक्त तेरे पर विपदा भारी आके कष्ट मिटा जाओ,

ओम नमः शिवाय हरी ओम नमः शिवाय ॥


डम डम तेरा डमरू बाजे,

जिसपे सारी सृष्टि नाचे,

मनका पड़े जब जब डमरू पे ऐसी तान सुना जाओ,

ओम नमः शिवाय हरी ओम नमः शिवाय ॥


एक हाथ त्रिशूल विराजे,

गल सर्पों की माला साजे,

जटा में तेरी मां गंग विराजे अमृत पान करा जाओ,

ओम नमः शिवाय हरी ओम नमः शिवाय ॥


तेरे अघोरी तुझको पूजे,

संग तेरे शमशानों में झूमे

पूरे तन पर भस्म रमा के,

मस्तक पर त्रिकुंड सजा के,

सुंदर रूप दिखा जाओ,

ओम नमः शिवाय हरी ओम नमः शिवाय ॥

जिंदगी में हजारों का मेला जुड़ा(Jindagi Me Hajaro Ka Mela Juda)

जिंदगी में हजारों का मेला जुड़ा,
हंस जब-जब उड़ा तब अकेला उड़ा ।

भानु सप्तमी पर सूर्यदेव की पूजा विधि

माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी पर सूर्यदेव की पूजा की जाती है। रथ सप्तमी को भानु सप्तमी और अचला सप्तमी भी कहा जाता है। भानु सप्तमी के दिन भगवान भास्कर की पूजा करने से आरोग्य का वरदान मिलता है।

छठ पूजा: कांच ही बांस के बहंगिया (Chhath Puja: Kanch Hi Bans Ke Bahangiya)

कांच ही बांस के बहंगिया,
बहंगी लचकत जाय

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