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सालासर धाम निराला बोलो जय बालाजी (Salasar Dham Nirala Bolo Jay Balaji)

सालासर धाम निराला,

की बोलो जय बालाजी,

यहाँ आता किस्मत वाला,

की बोलो जय बालाजी,

सालासर धाम निरालां,

की बोलो जय बालाजी ॥


चर्चे जगत में भारी,

सालासर धाम के,

बन गए पुजारी,

जो भी वीर हनुमान के,

है कलयुग देव निराला,

की बोलो जय बालाजी,

सालासर धाम निरालां,

की बोलो जय बालाजी ॥


किस्मत से ज्यादा बाबा,

सबको ये देता है,

अपने भगत के सारे,

दुःख हर लेता है,

ये राम दूत मतवाला,

की बोलो जय बालाजी,

सालासर धाम निरालां,

की बोलो जय बालाजी ॥


चलती जहां में ‘साहिल’,

इनकी ही सत्ता है,

मर्जी बिना ना ‘पन्ना’,

हिले ना एक पत्ता है,

खोले तक़दीर का ताला,

की बोलो जय बालाजी,

सालासर धाम निरालां,

की बोलो जय बालाजी ॥


सालासर धाम निराला,

की बोलो जय बालाजी,

यहाँ आता किस्मत वाला,

की बोलो जय बालाजी,

सालासर धाम निरालां,

की बोलो जय बालाजी ॥

जगन्नाथ रथ यात्रा क्यों मानते हैं

सनातन धर्म में हिंदू वैदिक पंचांग के अनुसार, हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा निकाली जाती है। इस यात्रा को रथ महोत्सव और गुंडिचा यात्रा के नाम से भी जाना जाता है।

गलियां जरा सजा दो, महाकाल आ रहे है (Galiyan Jara Saja Do Mahakal Aa Rahe Hai)

गलियां जरा सजा दो,
महाकाल आ रहे है ॥

श्री लक्ष्मीनृसिंह स्तोत्रम्

श्रीमत्पयोनिधिनिकेतन चक्रपाणेभोगीन्द्रभोगमणिरञ्जितपुण्यमूर्ते।

दर्श करा दे मेरे सांवरे, म्हारे नैना हुए बावरे (Darsh Kara De Mere Sanware Mhare Naina Huye Baware)

दर्श करा दे मेरे सांवरे,
म्हारे नैना हुए बावरे,

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