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सजा है प्यारा दरबार बाबा का (Saja Hai Pyara Darbar Baba Ka)

सजा है प्यारा दरबार बाबा का,

भक्तों ने मिलकर के किया है,

श्रृंगार बाबा का,

सजा हैं प्यारा दरबार बाबा का,

लगे है न्यारा दरबार बाबा का ॥


भक्तों ने मिलकर के,

बाबा को है आज बुलाया,

गेंदा चम्पा और चमेली,

फूलों से है सजाया,

रंग बिरंगे फूलों का है हार बाबा का,

सजा हैं प्यारा दरबार बाबा का,

लगे है न्यारा दरबार बाबा का ॥


मुख मंडल की आभा ऐसी,

सूरज फीका लागे,

करके दर्शन बाबा का मेरी,

सोई किस्मत जागे,

आओ मिलकर के करलो,

सब दीदार बाबा का,

सजा हैं प्यारा दरबार बाबा का,

लगे है न्यारा दरबार बाबा का ॥


बनड़े जैसा सजा हुआ है,

माँ अंजनी का लाला,

देख देख कर मन वारी हो,

ऐसा रूप निराला,

‘नरसी’ के संग गा लो,

मंगलाचार बाबा का,

सजा हैं प्यारा दरबार बाबा का,

लगे है न्यारा दरबार बाबा का ॥


सजा है प्यारा दरबार बाबा का,

भक्तों ने मिलकर के किया है,

श्रृंगार बाबा का,

सजा हैं प्यारा दरबार बाबा का,

लगे है न्यारा दरबार बाबा का ॥


माघ गुप्त नवरात्रि कवच पाठ

हिंदू धर्म में नवरात्रि का त्योहार देवी माँ के विभिन्न रूपों की पूजा करने हेतु मनाया जाता है। यहां, नवरात्रि शब्द में 'नव' का अर्थ नौ और 'रात्रि' का अर्थ है रातें। इन नौ रातों में देवी मां के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है। हालांकि, 4 नवरात्रियों में से एक माघी नवरात्रि गृहस्थ लोगों के लिए नहीं होती है।

दर्शन को तेरे आया(Darshan Ko Tere Aaya )

दर्शन को तेरे आया,
सब देव तेरी माया,

मेरा मिलन करा दों श्री राम से (Mera Milan Kara Do Shree Ram Se)

सागर सागर पार से सिया का,
समाचार लाने वाले,

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बोली गौरी सुनो भोला,
बात मेरी ध्यान से सुनलो,

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