नवीनतम लेख

सजा दों उज्जैनी दरबार (Saja Do Ujjaini Darbar)

सजा दो उज्जैनी दरबार,

मेरे महाकाल आये है ॥


दोहा – करता करे ना कर सके,

शिव करे सो होय,

तीन लोक नौखंड में,

शिव से बड़ा ना कोय ॥


सजा दो उज्जैनी दरबार,

मेरे महाकाल आये है,

मेरे महाकाल आये है,

मेरे महाकाल आये है,

लगे क्षिप्रा भी गंगा सी,

मेरे महाकाल आये है,

सजा दों उज्जैनी दरबार,

मेरे महाकाल आये है ॥


पखारों इनके चरणों को,

बहाकर प्रेम की गंगा,

बहाकर प्रेम की गंगा,

पिला दो विष को अमृत सा,

पिला दो विष को अमृत सा,

मेरे महाकाल आये है,

सजा दों उज्जैनी दरबार,

मेरे महाकाल आये है ॥


तुम आकर फिर नहीं जाना,

मेरी इस सुनी दुनिया से,

मेरी इस सुनी दुनिया से,

रमा दो भस्म भूतों सी,

रमा दो भस्म भूतों सी,

मेरे महाकाल आये है,

सजा दों उज्जैनी दरबार,

मेरे महाकाल आये है ॥


सजा दों उज्जैनी दरबार,

मेरे महाकाल आये है,

मेरे महाकाल आये है,

मेरे महाकाल आये है,

लगे क्षिप्रा भी गंगा सी,

मेरे महाकाल आये है,

सजा दों उज्जैनी दरबार,

मेरे महाकाल आये है ॥


क्या है वैदिक मंत्र?

दिक मंत्र सदियों से सनातन संस्कृति और हिंदू धर्म का अभिन्न हिस्सा रहा हैं। ये मंत्र प्राचीन वैदिक साहित्य से उत्पन्न हुए हैं और इनका उल्लेख वेदों, उपनिषदों और अन्य धर्मग्रंथों में भी मिलता है।

जय हो शिव भोला भंडारी (Jai Ho Shiv Bhola Bhandari Lela Aprampar Tumhari Bhajan)

जय हो शिव भोला भंडारी,
लीला अपरंपार तुम्हारी,

मेरे ओ सांवरे, तूने क्या क्या नहीं किया (Mere O Sanware Tune Kya Kya Nahi Kiya)

मेरे ओ सांवरे,
तूने क्या क्या नहीं किया,

रक्षा करो मेरे राम(Raksha Karo Mere Ram)

रक्षा करो मेरे राम,
रक्षा करों मेरे राम,

यह भी जाने