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सज धज के बैठी है माँ, लागे सेठानी (Saj Dhaj Ke Baithi Hai Maa Laage Sethani)

सज धज के बैठी है माँ,

लागे सेठानी,

लागे सेठानी ओ मेरी माँ,

लागे सेठानी,

सज धज के बैठी है मां,

लागे सेठानी ॥


किसने मैया जी तेरी चुनरी बनाई,

किसने मैया जी तेरी चुनरी बनाई,

चुनरी बनाई तेरे सिर पे सजाई,

चुनरी में तार हजार,

लागे सेठानी,

सज धज के बैठी है मां,

लागे सेठानी ॥


किसने मैया जी तेरी पायल बनाई,

किसने मैया जी तेरी पायल बनाई,

पायल बनाई तेरे पैरो में पहनाई,

पायल में घुंघरू हजार,

लागे सेठानी,

सज धज के बैठी है मां,

लागे सेठानी ॥


किन किन हाथों में मैया मेहंदी लगाऊं,

किन किन हाथों में मैया मेहंदी लगाऊं,

मेहंदी लगाऊं तेरे हाथों में रचाऊं,

मैया जी के हाथ है हजार,

लागे सेठानी,

सज धज के बैठी है मां,

लागे सेठानी ॥


मेरी माता के नवराते है आए,

मेरी मैया के नवराते है आए,

सब मिलकर माँ की ज्योति जगाए,

‘रवि’ लगाए जय जयकार,

लागे सेठानी,

सज धज के बैठी है मां,

लागे सेठानी ॥


सज धज के बैठी है माँ,

लागे सेठानी,

लागे सेठानी ओ मेरी माँ,

लागे सेठानी,

सज धज के बैठी है मां,

लागे सेठानी ॥

आना मदन गोपाल, हमारे घर कीर्तन में (Aana Madan Gopal, Hamare Ghar Kirtan Me)

आना मदन गोपाल,
हमारे घर कीर्तन में,

केलवा के पात पर(Kelwa Ke Paat Par)

केलवा के पात पर उगेलन सुरुज मल झांके ऊंके
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16 सोमवार व्रत कथा (16 Somavaar Vrat Katha)

एक समय श्री महादेवजी पार्वती के साथ भ्रमण करते हुए मृत्युलोक में अमरावती नगरी में आए। वहां के राजा ने शिव मंदिर बनवाया था, जो कि अत्यंत भव्य एवं रमणीक तथा मन को शांति पहुंचाने वाला था। भ्रमण करते सम शिव-पार्वती भी वहां ठहर गए।

मन में है विश्वास अगर जो श्याम सहारा मिलता है(Man Mein Hai Vishwas Agar Jo Shyam Sahara Milta Hai)

मन में है विश्वास अगर जो,
श्याम सहारा मिलता है,

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