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सज धज बैठ्या दादीजी, लुन राई वारा (Saj Dhaj Baithya Dadi Ji Lunrai Vara)

सज धज बैठ्या दादीजी,

लुन राई वारा,

निजरा उतारा माँ की,

निजरा उतारा,

निजरा उतारा माँ की,

निजरा उतारा ॥


निरख निरख श्रृंगार मावड़ी,

मंद मंद मुस्कावे,

मंद मंद मुस्कावे,

कदे चुनड़ी कदे चुड़लो,

मेहंदी निरखती जावे,

मेहंदी निरखती जावे,

दर्शन कर दादीजी का,

वारि वारि जावा,

निजरा उतारा माँ की,

निजरा उतारा ॥


नौलख हार गले में चमके,

चुड़लो दम दम दमके,

चुड़लो दम दम दमके,

कमर तागड़ी लड़ली लूमा,

पग पैजनिया खनके,

पग पैजनिया खनके,

‘प्रवीण’ सूरत माँ थारी,

मन में बसावा,

निजरा उतारा माँ की,

निजरा उतारा ॥


सज धज बैठ्या दादीजी,

लुन राई वारा,

निजरा उतारा माँ की,

निजरा उतारा,

निजरा उतारा माँ की,

निजरा उतारा ॥

अंगना पधारो महारानी: भजन

अरे हों...
अंगना पधारो महारानी,
हे मैय्या अरे अंगना पधारो महारानी, मोरी शारदा भवानी।
अंगना पधारो महारानी, मोरी शारदा भवानी।
रे अंगना पधारो महारानी, मोरी शारदा भवानी।

ओ सांवरे दाता मेरे, तेरा शुक्रिया है (O Sanware Data Mere Tera Shukriya Hai)

मुझे जो भी कुछ मिला है,
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शांति के हैं हम पूजारी

मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर कैसे करें तर्पण

मार्गशीर्ष माह भगवान कृष्ण, जगत के पालनहार श्री हरि विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित होता है। ऐसे में इस माह में जो पूर्णिमा तिथि आती है।

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