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सब कुछ मिला रे भोले, रहमत से तेरी(Sab Kuch Mila Re Bhole Rahmat Se Teri)

सब कुछ मिला रे भोले,

रहमत से तेरी

तूने ही है सुनी इल्तिज़ा मेरी ।

बन के फ़कीर मैं चला राह में तेरी

तू न मिलया मुझको आस है तेरी ।

ओ सबकुछ मिला रे भोले रहमत से तेरी

तूने ही है सुनी इल्तिजा मेरी ॥


तन एक मंदिर है ,रूह एक ज़रिया,

तू ना मिलेगा चाहे खोज लो दरिया,

रहता है कहाँ पे तू किस देश भेष में

मिल जा मुझे बस सुन ले

इतनी सी फरियाद,

ना कोई अपना है, सब है पराया

तुझ से ही है मोहब्बत बेइंतिहा मेरी ।

सब कुछ मिला रे भोले,

रहमत से तेरी

तूने ही है सुनी इल्तिज़ा मेरी ।


बन के फ़कीर मैं चला राह में तेरी

तू न मिलया मुझको आस है तेरी ।


कठिन सफर में, बन के,

फ़िरा बंजारा, राह में काँटे हैं,

फिर भी क्या खूब है नज़ारा,

जानता है तू भोले हर चित्त की चोरी

तूने है थामी मेरे जीवन की ये डोरी

मेरी ये सांस तू है मेरा विश्वाश तू है

किस्मत की है ना जरूरत,

लक़ीरों को मेरी,

सब कुछ मिला रे भोले,

रहमत से तेरी

तूने ही है सुनी इल्तिज़ा मेरी ।

बन के फ़कीर मैं चला राह में तेरी

तू न मिलया मुझको आस है तेरी ।

सब कुछ मिला रे भोले,

रहमत से तेरी

तूने ही है सुनी इल्तिज़ा मेरी।

बन के फ़कीर मैं चला राह में तेरी

तू न मिलया मुझको आस है तेरी ॥

धारा तो बह रही है (Dhara Too Beh Rahi Hai)

धारा तो बह रही है,
श्री राधा नाम की,

देवी सरस्वती स्तोत्रम् (Devi Saraswati Stotram)

या कुन्देन्दु-तुषारहार-धवलाया शुभ्र-वस्त्रावृता
या वीणावरदण्डमण्डितकराया श्वेतपद्मासना।

मीठे रस से भरीयो री, राधा रानी लागे(Mithe Ras Se Bharyo Ri Radha Rani Lage)

मीठे रस से भरीयो री,
राधा रानी लागे।

श्री भैरव चालीसा (Shri Bhairav ​​Chalisa)

श्री गणपति गुरु गौरी पद, प्रेम सहित धरि माथ ।
चालीसा वंदन करो, श्री शिव भैरवनाथ ॥

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