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रिद्धि सिद्धि का देव(Riddhi Siddhi Ka Dev Nirala)

रिद्धि सिद्धि का देव निराला,

शिव पार्वती का लाला,

सदा ही कल्याण करता,

मेरा देव है मंगलकारी,

सभी के भंडार भरता,

सभी के भंडार भरता ॥


शिव का दुलारा है,

ये गौरा महतारी है,

गज सा बदन तेरा,

मूष की सवारी है,

चढ़े पान फूल फल मेवा,

सारे संत करे तेरी सेवा,

सभी का तू ही मान रखता

मेरा देव है मंगलकारी,

सभी के भंडार भरता,

सभी के भंडार भरता ॥


दुन्द दुन्दाला है,

सूंड सुंडाला है,

भक्तो का मंगल,

करने वाला है,

तुझे मन से जो भी बुलाता,

पल भर में दौड़ा आता,

सफल सारे काम करता,

मेरा देव है मंगलकारी,

सभी के भंडार भरता,

सभी के भंडार भरता ॥


‘हर्ष’ कहे रे पहले इसको मनाले,

चरणों में इसके तू शीश झुका ले,

सारे विघ्न हटादे तेरे,

सारे काम बना दे तेरे,

दीनो के दुख दूर करता,

मेरा देव है मंगलकारी,

सभी के भंडार भरता,

सभी के भंडार भरता ॥


रिद्धि सिद्धि का देव निराला,

शिव पार्वती का लाला,

सदा ही कल्याण करता,

मेरा देव है मंगलकारी,

सभी के भंडार भरता,

सभी के भंडार भरता ॥

भगवा रंग चढ़ने लगा है(Bhagwa Rang Chadne Laga Hai)

मंदिर अब बनने लगा है,
भगवा रंग चढ़ने लगा है,

मन लेके आया माता रानी के भवन में (Man Leke Aaya Mata Rani Ke Bhawan Mein)

मन लेके आया,
माता रानी के भवन में
बड़ा सुख पाया

मै चाहूं सदा दर तेरे आना (Main Chahu Sada Dar Tere Aana)

मैं चाहूँ सदा दर तेरे आना,
तू यूँ ही बुलाना दातिए,

दर्शन की प्यासी नजरिया, मैया(Darshan Ki Pyasi Najariya Maiya)

दर्शन की प्यासी नजरिया,
मैया लीजे खबरिया ॥