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रामराज्य! शांति के दूत है हम(Ramrajya - Shanti ke doot hai hum)

शांति के दूत है हम

शांति के हैं हम पूजारी

शांति के दूत है हम

शांति के हैं हम पूजारी


हो प्रीत रीत शील हो ये धरती हमारी

तुलसी वाणी श्री राम की ये कहानी

हो देती संदेशा पुरुषार्थ की हमेशा

देती संदेशा पुरुषार्थ की हमेशा

राजपाठ और घर-बार छोड़ कर

निकल पड़े हैं करने तपस्या


राम राम राम राम राम राज्यम

राम राम राम राम राम राज्यम

राम राम राम राम राम राज्यम

राम राम राम राम राम राज्यम


संगीत की देवी माँ शारदे भवानी

विद्या बुद्धि कौशल वृद्धि कर दो हम सबकी

संगीत की देवी माँ शारदे भवानी

विद्या बुद्धि कौशल वृद्धि कर दो हम सबकी

अहिंसा परमधर्म बुद्ध की छाया

मिटाके शौक-संताप रामराज्य लाया


राम राम राम राम राम राज्यम

राम राम राम राम राम राज्यम

राम राम राम राम राम राज्यम

राम राम राम राम राम राज्यम


"गुरु जी ब्रह्म तत्व क्या है ओंकार ही परब्रह्म है एकांत में उसका जाप, ध्यान उसमे लीन हो जाना ही परब्रह्म है"


ईश्वर की देखो कैसी महिमा

कान्हा के भेष में आज राम जन्मा

तेज़ कुमुदा मृग लोचन अति बलशाली

तरकश तीर तच नवरस लीलाधारी


"रामायण में 3 अलग-अलग विचारधाएं हैं अलग अलग लोगो की।

पहली विचारधारा भारत की: उनके अनुसार जो तेरा है वो तेरा है, और जो मेरा है वो भी तेरा है

दुसरी विचारधारा रावण की: रावण के अनुसार जो मेरा है वो मेरा है, जो तेरा है वो भी मेरा है

तीसरी विचारधारा राम की: राम के अनुसार जो तेरा है वो तेरा है, जो मेरा है वो मेरा है।"


देखो निकली है ये सेना

समर्थ बलशाली, समर्थ बालशाली

कड़ी मेहनत से लाएंगे खुशहाली

लाएंगे खुशहाली, लाएंगे खुशहाली

परम ही धर्म है, अहिंशा ही परम है

यही है रामराज्यम, यही है रामराज्यम

यही है रामराज्यम


जाति-पाति सब भेद मिटाकर

लोभ, मोह, अग्यान अग्नि में जला कर

आओ बाल, युवा, पुरुष संग नारी

हो रामराज्यम की करे तैयारी।


राम राम राम राम राम राज्यम

राम राम राम राम राम राज्यम

राम राम राम राम राम राज्यम

राम राम राम राम राम राज्यम

श्रीदेव्यथर्वशीर्षम् (Sri Devi Atharvashirsha)

देव्यथर्वशीर्षम् जिसे देवी अथर्वशीर्ष के नाम से भी जाना जाता है, चण्डी पाठ से पहले पाठ किए जाने वाले छह महत्वपूर्ण स्तोत्र का हिस्सा है।

जो शिव नाम होठों पे चढ़ गयो रे (Jo Shiv Naam Hothon Pe Chadh Gayo Re)

जो शिव नाम होठों पे चढ़ गयो रे,
तो समझो ये जीवन संवर गयो रे ॥

जय जय देवा जय गणपति देवा (Jai Jai Deva Jai Ganpati Deva)

जय जय देवा जय गणपति देवा,
माता है गौरी पिता महादेवा,

कार्तिक मास के फायदे

कार्तिक मास के दौरान लोग दिल खोल कर दान पुण्य करते हैं। भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तर पूर्वी क्षेत्र में बसे वैसे लोग जो गंगा किनारे नहीं हैं वे कार्तिक माह में गंगा किनारे आकर रहते हैं।

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