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हे राम तुम्हारे आने से सुखधाम बना ये जग सारा,
संपूर्ण सनातन पुलकित है जप जप के राम तेरी माला ॥
कितने युग के संताप मिटे अब अवधपुरी हर्षाई है,
जिस दिन से राम विराजे हैं दीपों से नगरी सजाई है,
युग युग का कटा वनवास प्रभु,
बन गया है मंदिर अब न्यारा,
हे राम तुम्हारे आने से ॥
योगी संतों के भाल पर अब राम चरण रज चमक रही,
तेरे दर्शन की आस में ये प्यासी अखियां तरस रहीं,
उस रज को माथ लगा कर अब,
हर कोई बना है मतवाला,
हे राम तुम्हारे आने से ॥
इस धरा के कोने कोने में बस राम नाम की अलख जगी,
हर नैना छवि निहार रहे और नगर नगर सब डगर सजीं,
ऐसे दीपों से दीप जले,
हर ओर हुआ है उजियारा,
हे राम तुम्हारे आने से ॥