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राम तुम्हारे आने से सुखधाम बना ये जग सारा: भजन (Ram Tumhare Aane Se Sukhdham Bana Ye Jag Sara)

हे राम तुम्हारे आने से सुखधाम बना ये जग सारा,

संपूर्ण सनातन पुलकित है जप जप के राम तेरी माला ॥


कितने युग के संताप मिटे अब अवधपुरी हर्षाई है,

जिस दिन से राम विराजे हैं दीपों से नगरी सजाई है,

युग युग का कटा वनवास प्रभु,

बन गया है मंदिर अब न्यारा,

हे राम तुम्हारे आने से ॥


योगी संतों के भाल पर अब राम चरण रज चमक रही,

तेरे दर्शन की आस में ये प्यासी अखियां तरस रहीं,

उस रज को माथ लगा कर अब,

हर कोई बना है मतवाला,

हे राम तुम्हारे आने से ॥


इस धरा के कोने कोने में बस राम नाम की अलख जगी,

हर नैना छवि निहार रहे और नगर नगर सब डगर सजीं,

ऐसे दीपों से दीप जले,

हर ओर हुआ है उजियारा,

हे राम तुम्हारे आने से ॥

नर्मदा जयंती उपाय

गंगा नदी की तरह ही मां नर्मदा को भी बहुत ही पवित्र और पूजनीय माना गया है। भारत में छोटी-बड़ी 200 से अधिक नदियां हैं, जिसमें पांच बड़ी नदियों में नर्मदा भी एक है। इतना ही नहीं, मान्यता है कि नर्मदा के स्पर्श से ही पाप मिट जाते हैं। इसलिए, प्रतिवर्ष माघ महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को नर्मदा जयंती मनाई जाती है।

उज्जैन के महाराज हो, दीनो के दीनानाथ हो (Ujjain Ke Maharaj Ho Dino Ke Dinanath Ho)

उज्जैन के महाराज हो,
दीनो के दीनानाथ हो,

चाहे राम भजो चाहे श्याम (Chahe Ram Bhajo Chahe Shyam)

चाहे राम भजो चाहे श्याम,
नाम दोनों हितकारी है,

महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ की कृपा से मिलेगा मनचाहा दूल्हा

सनातन धर्म में महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है, क्योंकि यह भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन का शुभ अवसर माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था।