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राम सीता और लखन वन जा रहे - भजन (Ram Sita Aur Lakhan Van Ja Rahe)

राम सीता और लखन वन जा रहे,

हाय अयोध्या में अँधेरे छा रहे,

राम सीता और लखन वन जा रहे ॥


मुर्ख कैकई ने किया है ये सितम,

मुर्ख कैकई ने किया है ये सितम,

दुःख दिल में जो की सब जन पा रहे,

दुःख दिल में जो की सब जन पा रहे,

॥ हाय अयोध्या में अँधेरे छा रहे..॥


रह सकेंगे प्राण तन में क्या मेरे,

रह सकेंगे प्राण तन में क्या मेरे,

ध्यान में ना ये नतीजे ला रहे,

ध्यान में ना ये नतीजे ला रहे,

॥ हाय अयोध्या में अँधेरे छा रहे..॥


क्या विचारा था मेने क्या हो रहा,

क्या विचारा था मेने क्या हो रहा,

फूल आशाओ के खिल मुरझा रहे,

फूल आशाओ के खिल मुरझा रहे,

॥ हाय अयोध्या में अँधेरे छा रहे...॥


गा रहे थे जो ख़ुशी के गीत कल,

गा रहे थे जो ख़ुशी के गीत कल,

आज वे दुःख के विरह यूँ गा रहे,

आज वे दुःख के विरह यूँ गा रहे,

॥ हाय अयोध्या में अँधेरे छा रहे..॥


भाग्य में क्या ये विधाता लिख दिया,

भाग्य में क्या ये विधाता लिख दिया,

पहुंच के मंजिल पे ठोकर खा रहे,

पहुंच के मंजिल पे ठोकर खा रहे,

॥ हाय अयोध्या में अँधेरे छा रहे..॥


रोक ले कोई उन्हें समझाय कर,

रोक ले कोई उन्हें समझाय कर,

ज्ञान प्रभु दिल में यही है मना रहे,

ज्ञान प्रभु दिल में यही है मना रहे,

॥ हाय अयोध्या में अँधेरे छा रहे..॥


राम सीता और लखन वन जा रहे,

हाय अयोध्या में अँधेरे छा रहे,

राम सीता और लखन वन जा रहे ॥

कुंडली मिलान की पूजा विधि

शादी से पहले जब लड़का-लड़की की कुंडली मिलाई जाती है, तो कई बार उसमें दोष या मेल की असमानता सामने आती है। ऐसे में वैवाहिक जीवन में आने वाली अड़चनों से बचने के लिए कुछ खास पूजा और उपाय किए जाते हैं।

प्रभु जो तुम्हे हम, बताकर के रोये (Prabhu Jo Tumhe Hum Batakar Ke Roye)

प्रभु जो तुम्हे हम,
बताकर के रोये,

उनकी रेहमत का झूमर सजा है (Unki Rehmat Ka Jhoomar Saja Hai)

उनकी रेहमत का झूमर सजा है ।
मुरलीवाले की महफिल सजी है ॥

षटतिला एकादशी में तुलसी का महत्व

हिंदू धर्म में पूरे साल में आने वाली सभी 24 एकादशियों में से प्रत्येक को विशेष माना जाता है। उन्हीं में से एक षटतिला एकादशी है। माघ महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को ही षटतिला एकादशी कहते हैं।