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राम नाम को रटने वाले जरा सामने आओ(Ram Naam Ko Ratne Wale Jara Samne Aao)

राम नाम को रटने वाले

जरा सामने आओ तुम,

कौन हो तुम क्या नाम है तुम्हारा

इतना तो बतलाओ तुम,

प्रभु राम का दास हूँ माता

चरणों में प्रणाम मेरा,

पवन पुत्र अंजनी का लाला

हनुमान है नाम मेरा ।


राम नाम को रटने वाले

जरा सामने आओ तुम ।

कैसे है मेरा प्राण नाथ जी

लेने मुझे कब आएँगे,

धरीज रखो हे माता प्रभु

जल्दी तुम्हे ले जाएंगे,

प्यासी-प्यासी इन अंखियो को

कब आकर दर्श दिखाएंगे,

मार के अभिमानी रावन को

माता तुम्हे छुड़ाएंगे ।

राम नाम को रटने वाले

जरा सामने आओ तुम ।


आज्ञा नहीं है मुझे प्रभु की

माता तुम्हें जो ले जाऊं,

व्याकुल मनवा धीर धरे ना

कैसे इसको समझाऊं,

मुझमे शक्ति इतनी माता

मैं बजरंगी कहलाऊँ,

मेरे प्रभु के प्यारे हनुमत

मैं तुम पे वारी जाऊँ ।

राम नाम को रटने वाले

जरा सामने आओ तुम ।


राम नाम को रटने वाले

जरा सामने आओ तुम,

कौन हो तुम क्या नाम है तुम्हारा

इतना तो बतलाऊ तुम,

प्रभु राम का दास हूँ माता

चरणों में प्रणाम मेरा,

पवन पुत्र अनजानी का लाला

हनुमान है नाम मेरा ।


राम नाम को रटने वाले

जरा सामने आओ तुम ।

कभी भूलू ना.. मेरे राधा रमण (Kabhi Bhoolun Na Radha Raman Mere)

कभी भूलू ना कभी भूलू ना
कभी भूलू ना याद तुम्हारी

आजा भक्तो की सुनके पुकार, ओ मरघट वाले बाबा जी (Aaja Bhakto Ki Sun Ke Pukar O Marghat Wale Baba Ji)

आजा भक्तो की सुनके पुकार,
ओ मरघट वाले बाबा जी,

चक्रधर भगवान की पूजा कैसे करें?

भगवान चक्रधर 12वीं शताब्दी के एक महान तत्त्वज्ञ, समाज सुधारक और महानुभाव पंथ के संस्थापक थे। महानुभाव धर्मानुयायी उन्हें ईश्वर का अवतार मानते हैं। उनका जन्म बारहवीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध में, गुजरात के भड़ोच में हुआ था। उनका जन्म नाम हरीपालदेव था।

श्री बगलामुखी चालीसा (Shri Baglamukhi Chalisa)

नमो महाविद्या बरदा, बगलामुखी दयाल।
स्तम्भन क्षण में करे, सुमरित अरिकुल काल।।

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