नवीनतम लेख

राम नाम जपते है, मस्ती में रहते है(Ram Naam Japte Hai Masti Mein Rehte Hain)

राम नाम जपते है,

मस्ती में रहते है,

देव है ये सबसे निराला,

इसे कहते हैं बजरंगबाला,

ओ बाला इसे कहते हैं बजरंगबाला ॥


मंगल को जन्मे है मंगल ही करते,

शुक्र और शनि जिनका पानी है भरते,

राम का दीवाना है,

कहता ये जमाना है,

देव है ये सबसे निराला,

इसे कहते हैं बजरंगबाला,

ओ बाला इसे कहते हैं बजरंगबाला ॥


नारियल हो के साथ सवा रुपैया,

भेंट जो चढ़ाए पार कर देते नैया,

बिगड़ी ये बनाते है,

गले से लगाते है,

ऐसे है अंजनी के लाला,

इसे कहते हैं बजरंगबाला,

ओ बाला इसे कहते हैं बजरंगबाला ॥


सिर पे मुकुट कुण्डल कानो में सोहे,

झांकी निराली जो भक्तों को मोहे,

बाँध के लंगोटा जो,

लेके हाथ सोटा जो,

दुष्टों का मुंह करते काला,

इसे कहते हैं बजरंगबाला,

ओ बाला इसे कहते हैं बजरंगबाला ॥


जानकी के प्यारे है अंजनी के दुलारे है,

कलयुग में हमसब भक्तों के सहारे है,

राम का दीवाना है,

कहता जमाना है,

‘नरसी’ को तुमने संभाला,

इसे कहते हैं बजरंगबाला,

ओ बाला इसे कहते हैं बजरंगबाला ॥


राम नाम जपते है,

मस्ती में रहते है,

देव है ये सबसे निराला,

इसे कहते हैं बजरंगबाला,

ओ बाला इसे कहते हैं बजरंगबाला ॥


निर्धन कहे धनवान सुखी (Nirdhan Kahe Dhanwan Sukhi)

दीन कहे धनवान सुखी
धनवान कहे सुख राजा को भारी ।

आओ आ जाओ भोलेनाथ (Aao Aa Jao Bholenath)

आओ आ जाओ भोलेनाथ,
तेरे ख़यालों में खोया रहूं मैं,

भोलेनाथ मेरे मरने से पहले, ऐसी चिलम पिला देना (Bholenath Mere Marne Se Pahle Aisi Chilam Pila Dena)

भोलेनाथ मेरे मरने से पहले,
ऐसी चिलम पिला देना,

29 या 30 नवंबर, मासिक शिवरात्रि कब है?

मासिक शिवरात्रि का पर्व हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है।

यह भी जाने