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राम लला जन्मे है, थाल बजाओ रे (Ram Lalla Jamne Hai Thal Bajao Re)

आज बड़ा ही शुभ दिन,

मंगलाचार सुनाओ रे,

राम लला जन्मे है,

थाल बजाओ रे,

राम लला जन्में है,

थाल बजाओ रे ॥


दशरथ के अंगना में भाई,

गूंज रही किलकारी,

खुशियां मना रही है देखो,

आज अयोध्या सारी,

राम लला के जनमदिवस पर,

खुशियां मनाओ रे,

राम लला जन्में है,

थाल बजाओ रे ॥


महाराजा दशरथ को,

है सबसे पहले बधाई,

मात कौशल्या लेवे बलैया,

फूली नहीं समाई,

मिल जाए नजराना हमको,

झोली फैलाओ रे,

राम लला जन्में है,

थाल बजाओ रे ॥


ऋषि मुनि आए है,

अब नाम करण करने को,

इतनी भीड़ लगी है देखो,

पाँव नहीं धरने को,

राम नाम रखा है इनका,

सबको बताओ रे,

राम लला जन्में है,

थाल बजाओ रे ॥


मैया कबसे खड़े है,

हमको भी दर्श करवा दे,

राम लला की प्यारी सूरत,

एक झलक दिखला दे,

देंगे दुआएं ‘बनवारी’,

ना हमसे छुपाओ रे,

राम लला जन्में है,

थाल बजाओ रे ॥


आज बड़ा ही शुभ दिन,

मंगलाचार सुनाओ रे,

राम लला जन्मे है,

थाल बजाओ रे,

राम लला जन्में है,

थाल बजाओ रे ॥

मेरा दिल तो दीवाना हो गया, मुरली वाले तेरा (Mera Dil To Deewana Ho Gaya Murli Wale Tera)

मेरा दिल तो दीवाना हो गया, मुरली वाले तेरा,

श्री बालाजी चालीसा (Shri Balaji Chalisa)

श्री गुरु चरण चितलाय के धरें ध्यान हनुमान ।
बालाजी चालीसा लिखे “ओम” स्नेही कल्याण ।।

विवाह पंचमी के शुभ संयोग

विवाह पंचमी का त्योहार भगवान राम और माता सीता के विवाह के पावन अवसर के रूप में मनाया जाता है। लोग इस दिन वैवाहिक जीवन में शांति के लिए भगवान राम और माता सीता की पूजा करते है।

षटतिला एकादशी व्रत कथा

सनातन धर्म में एकादशी तिथि भगवान विष्णु को बेहद प्रिय है। पंचांग के अनुसार, माघ महीने की एकादशी तिथि को ही षटतिला एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के संग मां लक्ष्मी की पूजा-व्रत करने से का विधान है।

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