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राम भी मिलेंगे तुझे, श्याम भी मिलेंगे (Ram Bhi Milenge Tujhe Shyam Bhi Milenge)

राम भी मिलेंगे तुझे,

श्याम भी मिलेंगे,

जब तुझे श्री हनुमान,

जी मिलेंगे,

राम भी मिलेंगे तुझें,

श्याम भी मिलेंगे ॥


राम और श्याम को,

बजरंगी बड़े प्यारे,

योद्धा है कन्हैया के,

राम के दुलारे,

चाहे जो बजरंगी,

राम श्याम जी मिलेंगे,

चाहे जो बजरंगी,

राम श्याम जी मिलेंगे,

राम भी मिलेंगे तुझें,

श्याम भी मिलेंगे ॥


निर्बल के बल मेरे,

वीर बजरंगी,

दुःख में हमेशा बने,

दुखियों के संगी,

प्रेम से पुकारो उस,

पल ही मिलेंगे,

प्रेम से पुकारो उस,

पल ही मिलेंगे,

राम भी मिलेंगे तुझें,

श्याम भी मिलेंगे ॥


राम को पुकारो चाहे,

श्याम को निहारो,

दोनों के लिए तो,

हनुमान को पुकारो,

‘लख्खा’ तेरे सारे सकंट,

पल में टलेंगे,

‘लख्खा’ तेरे सारे सकंट,

पल में टलेंगे,

जब तुझे श्री,

हनुमान जी मिलेंगे,

राम भी मिलेंगे तुझें,

श्याम भी मिलेंगे ॥


राम भी मिलेंगे तुझे,

श्याम भी मिलेंगे,

जब तुझे श्री हनुमान,

जी मिलेंगे,

राम भी मिलेंगे तुझे,

श्याम भी मिलेंगे ॥


ओ आए तेरे भवन

ओ, आए तेरे भवन, दे दे अपनी शरण
ओ, आए तेरे भवन, दे दे अपनी शरण

कला साधना पूजा विधि

कला को साधना कहा जाता है , क्योंकि यह केवल मनोरंजन नहीं बल्कि आत्मा की एक गहरी यात्रा होती है। चाहे वह संगीत, नृत्य, चित्रकला, मूर्तिकला, नाटक या किसी अन्य रूप में हो।

कौन थे भीष्म के 7 भाई?

भीष्म पितामह गंगा और महाराज शांतनु के आठवें पुत्र थे। गंगा ने अपने पहले सात पुत्रों को जन्म लेते ही नदी में प्रवाहित कर दिया था। इसके पीछे एक पौराणिक कथा जुड़ी हुई है।

धरती गगन में होती है तेरी जय-जयकार (Dharti Gagan Mein Hoti Hai Teri Jay-Jayakar)

जय जय शेरा वाली मां, जय जय मेहरा वाली मां।
जय जय ज्योता वाली मां, जय जय लाता वाली मां।।