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राम भी मिलेंगे तुझे, श्याम भी मिलेंगे (Ram Bhi Milenge Tujhe Shyam Bhi Milenge)

राम भी मिलेंगे तुझे,

श्याम भी मिलेंगे,

जब तुझे श्री हनुमान,

जी मिलेंगे,

राम भी मिलेंगे तुझें,

श्याम भी मिलेंगे ॥


राम और श्याम को,

बजरंगी बड़े प्यारे,

योद्धा है कन्हैया के,

राम के दुलारे,

चाहे जो बजरंगी,

राम श्याम जी मिलेंगे,

चाहे जो बजरंगी,

राम श्याम जी मिलेंगे,

राम भी मिलेंगे तुझें,

श्याम भी मिलेंगे ॥


निर्बल के बल मेरे,

वीर बजरंगी,

दुःख में हमेशा बने,

दुखियों के संगी,

प्रेम से पुकारो उस,

पल ही मिलेंगे,

प्रेम से पुकारो उस,

पल ही मिलेंगे,

राम भी मिलेंगे तुझें,

श्याम भी मिलेंगे ॥


राम को पुकारो चाहे,

श्याम को निहारो,

दोनों के लिए तो,

हनुमान को पुकारो,

‘लख्खा’ तेरे सारे सकंट,

पल में टलेंगे,

‘लख्खा’ तेरे सारे सकंट,

पल में टलेंगे,

जब तुझे श्री,

हनुमान जी मिलेंगे,

राम भी मिलेंगे तुझें,

श्याम भी मिलेंगे ॥


राम भी मिलेंगे तुझे,

श्याम भी मिलेंगे,

जब तुझे श्री हनुमान,

जी मिलेंगे,

राम भी मिलेंगे तुझे,

श्याम भी मिलेंगे ॥


मेरे गणराज आये है (Mere Ganaraj Aaye Hai)

वक्रतुण्ड महाकाय,
सूर्यकोटि समप्रभ:,

भगवान दत्तात्रेय की पौराणिक कथा

मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा के दिन भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश इन तीनों देवों के अंश माने जाने वाले भगवान दत्तात्रेय का जन्म हुआ था। भगवान दत्तात्रेय को गुरु और भगवान दोनों की उपाधि दी गई है।

मंत्र जाप की सही विधि

हिंदू धर्म में मंत्र जाप का विशेष महत्व है। यह साधना का एक सशक्त माध्यम है, जो साधक को मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करता है।

अखुरथ संकष्टी चतुर्थी स्त्रोत

पौष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को अखुरथ संकष्टी चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है।

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