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राम भक्त लें चला रे, राम की निशानी (Ram Bhakt Le Chala Re Ram Ki Nishani)

राम भक्त ले चला रे,

राम की निशानी ॥


चौपाई – प्रभु कर कृपा पावँरी दीन्हि,

सादर भरत शीश धरी लीन्ही ॥


राम भक्त ले चला रे,

राम की निशानी,

शीश पर खड़ाऊँ,

अखियों में पानी,

राम भक्त लें चला रे,

राम की निशानी ॥


शीश खड़ाऊ ले चला ऐसे,

राम सिया जी संग हो जैसे,

अब इनकी छाव में,

रहेगी राजधानी,

राम भक्त लें चला रे,

राम की निशानी ॥


पल छीन लागे सदियों जैसे,

चौदह बरस कटेंगे कैसे,

जाने समय क्या खेल रचेगा,

कौन मरेगा कौन बचेगा,

कब रे मिलन के फूल खिलेंगे,

नदियाँ के दो पुल मिलेंगे,

जी करता है यहीं बस जाए,

हिलमिल चौदह वरष बिताएं,

राम बिन कठिन है,

इक घड़ी बितानी,

राम भक्त लें चला रे,

राम की निशानी ॥


तन मन बचन,

उमंग अनुरागा,

धीर धुरंधर,

धीरज त्यागा,

भावना में बह चले,

धीर वीर ज्ञानी,

राम भक्त लें चला रे,

राम की निशानी ॥


राम भक्त ले चला रें,

राम की निशानी,

शीश पर खड़ाऊँ,

अखियों में पानी,

राम भक्त लें चला रे,

राम की निशानी ॥


शिव के 108 नामों के जाप

26 फरवरी को इस बार महाशिवरात्रि का पर्व है। ये दिन भगवान शिव को समर्पित होता है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक शिवरात्रि के दिन माता पार्वती और भगवान शिव का विवाह हुआ है।

मासिक शिवरात्रि पर जलाभिषेक

प्रत्येक महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। ये दिन भगवान शिव को समर्पित होती है। इस दिन महादेव और माता पार्वती की पूजा करने का विधान है।

डाल रही वरमाला अब तो जानकी (Daal Rahi Varmala Ab To Janaki)

डाल रही वरमाला अब तो जानकी,
धनुष तोड़ा शिव जी का,

मंत्र जाप की सही विधि

हिंदू धर्म में मंत्र जाप का विशेष महत्व है। यह साधना का एक सशक्त माध्यम है, जो साधक को मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करता है।