नवीनतम लेख

राहो में फूल बिछाऊँगी(Raho Mein Phool Bichaungi)

राहों में फूल बिछाऊँगी,

जब राम मेरे घर आएंगे,

जब राम मेरे घर आएंगे,

सियाराम मेरे घर आएंगे,

राहो में फूल बिछाऊँगी,

जब राम मेरे घर आएंगे ॥


मैं चुन चुन कलियाँ लाऊंगी,

हाथों से हार बनाऊँगी,

मैं उनको हार पहनाऊँगी,

जब राम मेरे घर आएंगे,

राहो में फूल बिछाऊँगी,

जब राम मेरे घर आएंगे ॥


मैं चन्दन चौकी बिछाऊँगी,

फूलों से उसे सजाऊंगी,

मैं प्रेम से उन्हें बिठाउंगी,

जब राम मेरे घर आएंगे,

राहो में फूल बिछाऊँगी,

जब राम मेरे घर आएंगे ॥


मैं छप्पन भोग बनाउंगी,

हाथों से उन्हें खिलाऊंगी,

मैं प्रेम से उन्हें खिलाऊंगी,

जब राम मेरे घर आएंगे,

राहो में फूल बिछाऊँगी,

जब राम मेरे घर आएंगे ॥


मैं रो रो उन्हें मनाऊंगी,

गा गा कर उन्हें सुनाऊँगी,

मैं अपना हाल बताउंगी,

जब राम मेरे घर आएंगे,

राहो में फूल बिछाऊँगी,

जब राम मेरे घर आएंगे ॥


मैं फूलों की सेज बिछाऊँगी,

झालर का तकिया लगाउंगी,

मैं उनके चरण दबाऊँगी,

जब राम मेरे घर आएंगे,

राहो में फूल बिछाऊँगी,

जब राम मेरे घर आएंगे ॥


राहों में फूल बिछाऊँगी,

जब राम मेरे घर आएंगे,

जब राम मेरे घर आएंगे,

सियाराम मेरे घर आएंगे,

राहो में फूल बिछाऊँगी,

जब राम मेरे घर आएंगे ॥

अयोध्या नाथ से जाकर पवनसुत हाल कह देना (Ayodhya Nath Se Jakar Pawansut Hal Kah Dena)

अयोध्या नाथ से जाकर पवनसुत हाल कह देना,
तुम्हारी लाड़ली सीता हुई बेहाल कह देना ।

मत्स्य द्वादशी पर कैसे करें विष्णु पूजा

त्स्य द्वादशी पर सही तरीके से पूजा करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और वे प्रसन्न होते हैं। इससे जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति होती है।

भगवान दत्तात्रेय की पौराणिक कथा

मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा के दिन भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश इन तीनों देवों के अंश माने जाने वाले भगवान दत्तात्रेय का जन्म हुआ था। भगवान दत्तात्रेय को गुरु और भगवान दोनों की उपाधि दी गई है।

मेरी लाज बचा लो(Meri Laaj Bacha Lo)

कन्हैया आजा, आजा बंसी बजैया
हारे के साथी कहाते हो श्याम

यह भी जाने