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राधा रानी को भयो अवतार,

बधाई बाज रही,

ऐ जी हाँ बधाई बाज रही,

ऐ री हाँ बधाई बाज रही,

चलो रे चलो रे भानु के द्वार,

बधाई बाज रही ॥


बरसाने में बजत बधाई,

प्रकटी श्री श्यामा सुखदाई,

आई रसिकन की प्राणाधार,

बधाई बाज रही,

राधे रानी को भयो अवतार ॥


लूट रहे हीरे मोतिन माला,

आज मिलेंगे शाल दुशाला,

सखी गाई रही मंगलाचार,

बधाई बाज रही,

राधा रानी को भयो अवतार ॥


जुग जुग जियो राधा प्यारी,

जय जय भानुकुल उजियारी,

छाई ब्रज खुशी अपार,

बधाई बाज रही,

राधे रानी को भयो अवतार ॥


चित्र विचित्र जब सुनी रे खबरिया,

आये पकड़ पागल की उंगलिया,

राधा रानी पे जाये बलिहार,

बधाई बाज रही,

राधे रानी को भयो अवतार ॥


राधा रानी को भयो अवतार,

बधाई बाज रही,

ऐ जी हाँ बधाई बाज रही,

ऐ री हाँ बधाई बाज रही,

चलो रे चलो रे भानु के द्वार,

बधाई बाज रही ॥

आश्विन मास शुक्ल पक्ष की पापांकुशा एकादशी (Ashvin Maas Shukla Paksh Ki Paapaankusha Ekaadashi)

युधिष्ठिर ने फिर पूछा-जनार्दन ! अब आप कृपा कर आश्विन शुक्ल एकादशी का नाम और माहात्म्य मुझे सुनाइये। भगवान् कृष्ण बोले राजन् !

हो हो बालाजी मेरा संकट काटो ने (Ho Ho Balaji Mera Sankat Kato Ne)

हो हो बालाजी मेरा संकट काटो ने
हो इधर उधर न डोल रहया,

मेरा सर ढकने की माई तेरी चूनर काफी है

धूप समय की लाख सताए मुझ में हिम्मत बाकी है।
धूप समय की लाख सताए मुझ में हिम्मत बाकी है।
मेरा सर ढकने को माई तेरी चूनर काफ़ी है।

दिवाली से पहले हनुमान पूजा

हनुमान पूजा या जयंती को लेकर लोगों के मन में हमेशा संशय रहता है, क्योंकि साल में दो बार हनुमान जयंती मनाई जाती है।

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