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राधा कौन से पुण्य किये तूने,

जो हरि रोज तेरे घर आते हैं ॥


राधा जब सोलह शृंगार करे,

प्रभ दर्पण आप दिखाते है,

राधा कौन से पुण्य किये तूने,

जो हरि रोज तेरे घर आते हैं ॥


राधा जब पनघट पे जावे,

प्रभु मटकी आप उठाते है,

राधा कौन से पुण्य किये तूने,

जो हरि रोज तेरे घर आते हैं ॥


राधा जब भोग तैय्यार करे,

हरी आकर भोग लगाते है,

राधा कौन से पुण्य किये तूने,

जो हरि रोज तेरे घर आते हैं ॥


राधा जब कुँजन मे जावे,

प्रभु आकर रास रचाते है,

राधा कौन से पुण्य किये तूने,

जो हरि रोज तेरे घर आते हैं ॥


राधा कौन से पुण्य किये तूने,

जो हरि रोज तेरे घर आते हैं ॥

क्यों मनाई जाती है मत्स्य द्वादशी?

मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाई जाने वाली मत्स्य द्वादशी भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार की जयंती के रूप में मनाई जाती है।

चटक मटक चटकीली चाल, और ये घुंघर वाला बाल (Chatak Matak Chatkili Chaal Aur Ye Ghunghar Wala Baal)

चटक मटक चटकीली चाल,
और ये घुंघर वाला बाल,

स्कंद षष्ठी व्रत की पौराणिक कथा

स्कंद षष्ठी व्रत भगवान कार्तिकेय जिन्हें मुरुगन, सुब्रमण्यम और स्कंद के नाम से भी जाना जाता है उनकी पूजा को समर्पित है। यह व्रत मुख्यतः दक्षिण भारत में मनाया जाता है। भगवान कार्तिकेय को युद्ध और शक्ति के देवता के रूप में पूजते हैं।

नमामि श्री गणराज दयाल(Namami Shri Ganraj Dayal)

नमामि श्री गणराज दयाल,
करत हो भक्तन का प्रतिपाल,

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