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प्रबल प्रेम के पाले पड़ के (Prem Ke Pale Prabhu Ko Niyam Badalte Dekha)

प्रबल प्रेम के पाले पड़ के,

प्रभु का नियम बदलते देखा ।

अपना मान भले टल जाए,

भक्त का मान न टलते देखा ॥


जिनकी केवल कृपा दृष्टी से,

सकल विश्व को पलते देखा ।

उसको गोकुल के माखन पर,

सौ-सौ बार मचलते देखा ॥


जिनका ध्यान बिरंची शम्भू,

सनकादिक न सँभालते देखा ।

उसको बाल सखा मंडल में,

लेकर गेंद उछालते देखा ॥


जिनके चरण कमल कमला के,

करतल से ना निकलते देखा ।

उसको गोकुल की गलियों में,

कंटक पथ पर चलते देखा ॥


जिनकी वक्र भृकुटी के भय से,

सागर सप्त उबलते देखा ।

उसको माँ यशोदा के भय से,

अश्रु बिंदु दृग ढलते देखा ॥


प्रबल प्रेम के पाले पड़ के,

प्रभु का नियम बदलते देखा ।

अपना मान भले टल जाए,

भक्त का मान न टलते देखा ॥

साँवरे सा कौन(Sanware Sa Kaun)

साँवरे सा कौन,
सांवरे सा कौन,

7 अक्टूबर को पड़ रही है उपांग ललिता पंचमी 2024, कौन से हैं पूजा के शुभ मूहूर्त, क्या पूजा विधि और व्रत के लाभ

उपांग ललिता पंचमी एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो पंचांग के अनुसार आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है।

कि बन गए नन्दलाल लिलिहारि(Ki Ban Gaye Nandlal Lilihari)

कि बन गए नन्दलाल लिलिहारि,
री लीला गुदवाय लो प्यारी ।

छूम छूूम छननन बाजे, मैय्या पांव पैंजनिया (Chum Chumu Channan Baje Maiya Paon Panjaniya)

छूम छूूम छननन बाजे,
मैय्या पांव पैंजनिया।