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प्रीत मे पूजे नाम तुम्हारा (Preet Main Puje Naam Tumhara)

प्रीत मे पूजे नाम तुम्हारा,

गणपति जगत खिवैया,

शिव नँदन अब आज हमारी,

पार लगाना नैय्या,

जय गौरी के लाला ॥


खजराना मे आन बिराजे,

ये मेरे गणराज रे,

रिद्धि सिद्धि के दाता देखो,

ये मेरे महराज रे,

तुम हि दिन बंधु दुख हरता,

तुम ही सर्व जगत के कर्ता,

आन विराजौ बिछी हुई है,

आशाओं की छैया,

शिव नँदन अब आज हमारी,

पार लगाना नैय्या,

जय गौरी के लाला ॥


लेकर द्वार तुम्हारे आये,

ये फूलों की माला,

देखो हमको भूल ना जाना,

तु सबका रखवाला,

तुमहि दिन बंधु दुख हरता,

तुम ही सर्व जगत के कर्ता,

आन विराजौ बिछी हुई है,

आशाओं की छैया,

शिव नँदन अब आज हमारी,

पार लगाना नैय्या,

जय गौरी के लाला ॥


भक्ति का ज्ञान देदे हमको,

शक्ति की इक्छा देदे,

नस नस मे हो प्रेम भावना,

ऐसी इच्छा दे दे,

तुमहि दिन बंधु दुख हरता,

तुम ही सर्व जगत के कर्ता,

आन विराजौ बिछी हुई है,

आशाओं की छैया,

शिव नँदन अब आज हमारी,

पार लगाना नैय्या,

जय गौरी के लाला ॥


प्रीत मे पूजे नाम तुम्हारा,

गणपति जगत खिवैया,

शिव नँदन अब आज हमारी,

पार लगाना नैय्या,

जय गौरी के लाला ॥

दर्शन की प्यासी नजरिया, मैया (Darshan Ki Pyasi Najariya Maiya)

दर्शन की प्यासी नजरिया,
मैया लीजे खबरिया ॥

जरी की पगड़ी बांधे, सुंदर आँखों वाला (Jari Ki Pagri Bandhe Sundar Ankhon Wala)

जरी की पगड़ी बांधे,
सुंदर आँखों वाला,

रवि प्रदोष व्रत शाम में पूजा

हिंदू धर्म में अनेक तीथियां जो बेहद पावन मानी गई है उनमें से ही एक है त्रयोदशी तिथि। यह तिथि भगवान शिव को समर्पित होती है। इस दिन साधक प्रदोष व्रत रखते हैं।

रामनवमी की पौराणिक कथा

सनातन धर्म में श्रीराम का विशेष महत्व है। इसलिए हर साल चैत्र शुक्ल पक्ष के नौवें दिन श्रीराम के निमित्त रामनवमी का त्योहार मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, भगवान श्रीराम का जन्म चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था।