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तुम्ही हो माता पिता तुम्ही हो (Prayer Tumhi Ho Mata Pita Tumhi Ho )

तुम्ही हो माता, पिता तुम्ही हो ।

तुम्ही हो बंधू, सखा तुम्ही हो ॥

तुम्ही हो माता, पिता तुम्ही हो ।

तुम्ही हो बंधू, सखा तुम्ही हो ॥


तुम ही हो साथी, तुम ही सहारे ।

कोई ना अपना सिवा तुम्हारे ॥

तुम ही हो साथी, तुम ही सहारे ।

कोई ना अपना सिवा तुम्हारे ॥


तुम ही हो नईया, तुम ही खिवईया ।

तुम ही हो बंधू, सखा तुम ही हो ॥


तुम ही हो माता, पिता तुम्ही हो ।

तुम ही हो बंधू, सखा तुम्ही हो ॥


जो खिल सके ना वो फूल हम हैं ।

तुम्हारे चरणों की धूल हम हैं ॥

जो खिल सके ना वो फूल हम हैं ।

तुम्हारे चरणों की धूल हम हैं ॥


दया की दृष्टि, सदा ही रखना ।

तुम ही हो बंधू, सखा तुम्ही हो ॥


तुम्ही हो माता, पिता तुम्ही हो ।

तुम्ही हो बंधू, सखा तुम्ही हो ॥

तुम्ही हो माता, पिता तुम्ही हो ।

तुम्ही हो बंधू, सखा तुम्ही हो ॥

जनेऊ/उपनयन संस्कार पूजा विधि

जनेऊ संस्कार को उपनयन संस्कार के नाम से भी जाना जाता है। यह हिंदू धर्म के 16 संस्कारों में से एक प्रमुख संस्कार है। यह संस्कार बालक के जीवन में एक नया अध्याय शुरू करने का प्रतीक है।

अंजनी के लाला पे, भरोसा जो होगा (Anjani Ke Lala Pe Bharosa Jo Hoga)

अंजनी के लाला पे,
भरोसा जो होगा,

किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए (Kishori Kuch Aisa Intazam Ho Jaye)

किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए ।
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए ।

एकादशी माता की आरती (Ekadashi Mata Ki Aarti)

ॐ जय एकादशी माता, मैया जय एकादशी माता।
विष्णु पूजा व्रत को धारण कर, शक्ति मुक्ति पाता॥

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