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प्रथम गणराज को सुमिरूं, जो रिद्धि सिद्धि दाता है (Pratham Ganraj Ko Sumiru Jo Riddhi Siddhi Data Hai)

जो रिद्धि सिद्धि दाता है,

प्रथम गणराज को सुमिरूँ,

जो रिद्धि सिद्धि दाता है ॥


मेरी अरदास सुन देवा,

तू मूषक चढ़ के आ जाना,

सभा के मध्य आकर के,

हमारी लाज रख जाना,

हमारी लाज रख जाना,

करूँ विनती मैं झुक उनकी,

माँ गौरी जिनकी माता है,

प्रथम गणराज को सुमिरूं,

जो रिद्धि सिद्धि दाता है ॥


क्रिया ना मन्त्र मैं जानू,

शरण में तेरी आया हूँ,

मेरी बिगड़ी बना देना,

चढाने कुछ ना लाया हूँ,

चढाने कुछ ना लाया हूँ,

करूँ कर जोड़ नम नम के,

जो मुक्ति के प्रदाता है,

प्रथम गणराज को सुमिरूं,

जो रिद्धि सिद्धि दाता है ॥


सुनो शंकर सुवन मुझको,

अबुद्धि ज्ञान दे जाओ,

अँधेरे में भटकते को,

धर्म की राह दिखलाओ,

धर्म की राह दिखलाओ,

‘अनिल’ विनती करे उनकी,

विनायक जो कहाता है,

प्रथम गणराज को सुमिरूं,

जो रिद्धि सिद्धि दाता है ॥


जो रिद्धि सिद्धि दाता है,

प्रथम गणराज को सुमिरूँ,

जो रिद्धि सिद्धि दाता है ॥


राधाकृष्ण प्राण मोर युगल-किशोर( RadhaKrishn Prana Mora Yugal Kishor)

राधाकृष्ण प्राण मोर युगल-किशोर ।
जीवने मरणे गति आर नाहि मोर ॥

घर आये राम लखन और सीता(Ghar Aaye Ram Lakhan Aur Sita)

घर आये राम लखन और सीता,
अयोध्या सुन्दर सज गई रे,

दानी बड़ा ये भोलेनाथ, पूरी करे मन की मुराद (Dani Bada Ye Bholenath Puri Kare Man Ki Murad)

दानी बड़ा ये भोलेनाथ,
पूरी करे मन की मुराद,

शनि प्रदोष व्रत उपाय

सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत भगवान शिव और शनिदेव के आराधना के लिए समर्पित होता है। शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को आने वाले इस व्रत में शिवलिंग की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है।