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प्राणो से भी प्यारा,

दादी धाम तुम्हारा,

दर्शन कर हो जाता,

ये जीवन सफल हमारा,

तूने सबको तारा,

सबका जीवन संवारा,

तेरे बिन कौन दादी,

हम भक्तों का सहारा ॥


अटके कभी जो नैया,

बने तू खिवैया,

कष्ट सभी के काटे,

मेरी मैया,

अंधियारे जीवन का,

माँ तुम ही हो उजियारा,

दर्शन कर हो जाता,

ये जीवन सफल हमारा ॥


आंसुओ को मेरे अपने,

आँचल से पोंछे,

ममता लूटाकर मैया,

हाल मेरा पूछे,

नित उठ दादी ध्याऊँ,

मैं एक नाम तुम्हारा,

दर्शन कर हो जाता,

ये जीवन सफल हमारा ॥


प्राणो से भी प्यारा,

दादी धाम तुम्हारा,

दर्शन कर हो जाता,

ये जीवन सफल हमारा,

तूने सबको तारा,

सबका जीवन संवारा,

तेरे बिन कौन दादी,

हम भक्तों का सहारा ॥

गौरी नंदन थारो अभिनंदन, करे सारो परिवार (Gauri Nandan Tharo Abhinandan Kare Saro Parivar)

गौरी नंदन थारो अभिनंदन,
करे सारो परिवार,

दिखा दे थारी सुरतियाँ(Dikha de Thari Suratiya)

श्याम सलोनो प्यारो म्हारो, मैं लुल लुल जावा
मन को मोर्यो नाचन लाग्यो झूम झूम गावा ,

धनु संक्रांति सूर्य अर्घ्य में क्या चढ़ाएं

पंचाग के अनुसार साल में 12 संक्रांतियां होती हैं। इन्हीं में से एक धनु संक्रांति है जो इस वर्ष 15 दिसंबर को पड़ रही है। धनु संक्रांति के दिन सूर्य धनु राशि में प्रवेश करते हैं और इसी दिन से खरमास शुरू होता है।

क्यों मनाई जाती है गीता जयंती?

सनातन धर्म में एकादशी व्रत को अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। मार्गशीर्ष माह में मोक्षदा एकादशी मनाई जाती है। इसी दिन गीता जयंती का पर्व भी मनाया जाता है।

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