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प्रभु जी तुम चंदन हम पानी,

जाकी अंग-अंग बास समानी,

प्रभु जी तुम चँदन हम पानी ॥


प्रभु जी तुम घन बन हम मोरा,

जैसे चितवत चंद्र चकोरा,

प्रभु जी तुम चँदन हम पानी,

जाकी अंग-अंग बास समानी,

प्रभु जी तुम चँदन हम पानी ॥


प्रभु जी तुम मोती हम धागा,

जैसे सोनहिं मिलत सोहागा,

प्रभु जी तुम चँदन हम पानी,

जाकी अंग-अंग बास समानी,

प्रभु जी तुम चँदन हम पानी ॥


प्रभु जी तुम दीपक हम बाती,

जाकी जोति बरै दिन राती,

प्रभु जी तुम चँदन हम पानी,

जाकी अंग-अंग बास समानी,

प्रभु जी तुम चँदन हम पानी ॥


प्रभु जी तुम स्वामी हम दासा,

ऐसी भक्ति करे ‘रैदासा’,

प्रभु जी तुम चँदन हम पानी,

जाकी अंग-अंग बास समानी,

प्रभु जी तुम चँदन हम पानी ॥


प्रभु जी तुम चंदन हम पानी,

जाकी अंग-अंग बास समानी,

प्रभु जी तुम चँदन हम पानी ॥

कितने दिनों के बाद है आई, भक्तो रात (Kitne Dino Ke Baad Hai Aayi Bhakto Raat)

कितने दिनों के बाद है आई,
भक्तो रात भजन की,

जपे जा तू बन्दे, सुबह और शाम (Jape Ja Tu Bande Subah Aur Sham)

जपे जा तू बन्दे,
सुबह और शाम,

बिना लक्ष्मण के है जग सुना सुना (Bina Lakshman Ke Hai Jag Soona Soona)

लगी चोट रघुवर के तब ऐसी मन में,
रोके सुग्रीव से बोले जाओ,

राधाकृष्ण प्राण मोर युगल-किशोर( RadhaKrishn Prana Mora Yugal Kishor)

राधाकृष्ण प्राण मोर युगल-किशोर ।
जीवने मरणे गति आर नाहि मोर ॥

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