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प्रभुजी मोरे/मेरे अवगुण चित ना धरो,

समदर्शी प्रभु नाम तिहारो,

चाहो तो पार करो ।


एक लोहा पूजा मे राखत,

एक घर बधिक परो ।

सो दुविधा पारस नहीं देखत,

कंचन करत खरो ॥

प्रभुजी मोरे अवगुण चित ना धरो..


प्रभुजी मोरे अवगुण चित ना धरो,

समदर्शी प्रभु नाम तिहारो,

चाहो तो पार करो ।


एक नदिया एक नाल कहावत,

मैलो नीर भरो ।

जब मिलिके दोऊ एक बरन भये,

सुरसरी नाम परो॥

प्रभुजी मोरे अवगुण चित ना धरो..


प्रभुजी मोरे अवगुण चित ना धरो,

समदर्शी प्रभु नाम तिहारो,

चाहो तो पार करो ।


एक माया एक ब्रह्म कहावत,

सुर श्याम झगरो ।

अब की बेर मुझे पार उतारो,

नही पन जात तरो ॥

प्रभुजी मोरे अवगुण चित ना धरो..


प्रभुजी मोरे अवगुण चित ना धरो,

समदर्शी प्रभु नाम तिहारो,

चाहो तो पार करो ।

चंद्रदेव की पूजा किस विधि से करें?

हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने दो पक्ष होते हैं । पहला कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष। प्रत्येक पक्ष की अवधि 15 दिन की होती है।

काजल टीको लगवा ले लुन राइ करवा ले - भजन (Kajal Tiko Lagwale Lun Rai Karva Le)

काजल टीको लगवा ले,
लुन राइ करवा ले,

श्री शनि चालीसा (Shri Shani Chalisa)

जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल।
दीनन के दुख दूर करि, कीजै नाथ निहाल॥

गौंरी सुत गणराज गजानन, विघ्न हरण मंगल कारी (Gauri Sut Ganraj Gajanan Vighna Haran Mangal Kari)

गौरी सुत गणराज गजानन,
विघ्न हरण मंगल कारी,

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