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प्रभु रामचंद्र के दूता,

हनुमंता आंजनेया ।

हे पवनपुत्र हनुमंता,

बलभीमा आंजनेया ।

बलभीमा आंजनेया,

बलभीमा आंजनेया ।


प्रभु रामचंद्र के दूता,

हनुमंता आंजनेया ।

हे पवनपुत्र हनुमंता,

बलभीमा आंजनेया ।

हे पवनपुत्र हनुमंता,

बलभीमा आंजनेया ।

बलभीमा आंजनेया,

बलभीमा आंजनेया ।


जय हो, जय हो,

जय हो, आंजनेया ।

जय हो, जय हो,

जय हो, आंजनेया ।

जय हो, आंजनेया

जय हो, आंजनेया


प्रभु रामचंद्र के दूता,

हनुमंता आंजनेया ।

प्रभु रामचंद्र के दूता,

हनुमंता आंजनेया ।

हे पवनपुत्र हनुमंता,

बलभीमा आंजनेया ।

हे पवनपुत्र हनुमंता,

बलभीमा आंजनेया ।

बलभीमा आंजनेया,

बलभीमा आंजनेया

श्री गिरिराज जी की आरती (Shri Giriraj Ji Ki Aarti)

ॐ जय जय जय गिरिराज,स्वामी जय जय जय गिरिराज।
संकट में तुम राखौ,निज भक्तन की लाज॥

समुद्र मंथन और धनवंतरी की कहानी: धनतेरस व्रत कथा (Samudra Manthan aur Dhanvantari ki kahani)

प्राचीन कल की बात हैं दुर्वासा ऋषि के शाप के कारण सभी देवता भगवान विष्णु के साथ शक्तिहीन हो गए थे और साथ ही असुरो की शक्ति भी बढ़ गई थी।

अब ना बानी तो फिर ना बनेगी (Ab Naa Banegi Too Phir Na Banegi)

अब ना बानी तो फिर ना बनेगी
नर तन बार बार नहीं मिलता

श्री पार्वती चालीसा (Shri Parvati Chalisa)

जय गिरी तनये दक्षजे शम्भू प्रिये गुणखानि,

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