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प्रभु के चरणों से सच्चा प्यार: भजन (Parbhu Ke Charno Se Sachha Pyar)

प्रभु के चरणों से गर सच्चा प्यार किसी को हो जाये,

दो चार सहर की बात ही क्या संसार उसी का हो जाये ॥


रावण ने राम से बैर किया उसे अब भी जलाया जाता है,

बन भक्त विभीषण शरण गए घर बार उसी का हो जाए,

प्रभु के चरणों से गर सच्चा प्यार किसी को हो जाये ॥


गणिका ने कौन से वेद पढे कुब्जा क्या रूप की रानी थी,

जिसमे छल कपट का लेश नहीं घनश्याम उसी का हो जाए,

प्रभु के चरणों से गर सच्चा प्यार किसी को हो जाये ॥


माया के पुजारी सुन लो तुम उस प्रेम दीवानी मीरा से,

गर प्रेम हो मीरा सा मन में मोहन तेरा भी हो जाए,

प्रभु के चरणों से गर सच्चा प्यार किसी को हो जाये ॥


दादी मैं थारी बेटी हूँ (Dadi Mein Thari Beti Hu)

दादी मैं थारी बेटी हूँ,
रखियो मेरी लाज,

मन मंदिर में राम होना चाहिए: भजन (Maan Mandir Mein Ram Hona Chahiye)

जुबां पे राम का नाम होना चाहिए,
मन मंदिर में राम होना चाहिए,

छठी माई के घटिया पे (Chhati Mai Ke Ghatiya Pe)

छठी माई के घटिया पे,
आजन बाजन,

अन्वधान और इष्टी क्या है

भारत के त्योहार और अनुष्ठान वैदिक परंपराओं में गहराई से निहित हैं। इसमें से अन्वधान और इष्टि का विशेष महत्व है। ये अनुष्ठान कृषि चक्रों और आध्यात्मिक कायाकल्प के साथ जुड़े होते हैं।