नवीनतम लेख

ओम अनेक बार बोल (Om Anek Bar Bol Prem Ke Prayogi)

ओम अनेक बार बोल, प्रेम के प्रयोगी।

है यही अनादि नाद, निर्विकल्प निर्विवाद।

भूलते न पूज्यपाद, वीतराग योगी।

॥ ओम अनेक बार बोल..॥


वेद को प्रमाण मान, अर्थ-योजना बखान।

गा रहे गुणी सुजान, साधु स्वर्गभोगी।

॥ ओम अनेक बार बोल..॥


ध्यान में धरें विरक्त, भाव से भजें सुभक्त,

त्यागते अघी अशक्त, पोच पाप-रोगी।

॥ ओम अनेक बार बोल..॥


शंकरादि नित्य नाम, जो जपे विसार काम,

तो बने विवेक धाम, मुक्ति क्यों न होगी।

॥ ओम अनेक बार बोल..॥

- नाथूराम शर्मा 'शंकर'


रिद्धि सिद्धि वाले गणपति बाबा, तेरी महिमा भारी है(Riddhi Siddhi Wale Ganpati Baba Teri Mahima Bhari Hai)

रिद्धि सिद्धि वाले गणपति बाबा,
तेरी महिमा भारी है,

Gauri Ke Nanda Gajanand Gauri Ke Nanda Lyrics (गौरी के नंदा गजानन, गौरी के नन्दा)

गजानंद आनंद करो,
दो सुख सम्पति में शीश,

चल रे कावडिया शिव के धाम: भजन (Chal Re Kanwariya Shiv Ke Dham)

चाहे छाए हो बादल काले,
चाहे पाँव में पड़ जाय छाले,

मेरी लाज बचा लो(Meri Laaj Bacha Lo)

कन्हैया आजा, आजा बंसी बजैया
हारे के साथी कहाते हो श्याम

यह भी जाने