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ओ मेरे बाबा भोलेंनाथ (O Mere Baba Bholenath)

ना मांगू मैं हीरे मोती,

ना मांगू मैं सोना चांदी,

मांगू तो बस तेरा साथ,

ओ मेरे बाबा भोलेनाथ,

ओ मेरे बाबा भोलेंनाथ ॥


उगता रहे यूँ ही सूरज तेरा,

तेरे बिना ना हो मेरा सवेरा,

तू ही तो है सब कुछ मेरा,

तेरे बिना नही कोई मेरा,

मुझे ले चल तू अपने साथ,

ओ मेरे बाबा भोलेंनाथ ॥


मार्कण्डेय के गले में पड़ा जब,

काल का पहरा,

भोले शंकर ने प्रकट होकर,

उस काल को घेरा,

नंदी को तूने मौत से बचाया,

मौत से बचाकर गण अपना बनाया,

रख मेरे भी सर पर भी हाथ,

ओ मेरे बाबा भोलेंनाथ ॥


कालो के काल शम्भू तुम हो विकराल,

कहती है दुनिया तुम्हे महाकाल,

तुम हो पिता मैं तुम्हारा हूँ लाल,

मिल जाओ मुझको हो जाए कमाल,

मेरे जीवन की नैया तेरे हाथ,

ओ मेरे बाबा भोलेंनाथ ॥


ना मांगू मैं हीरे मोती,

ना मांगू मैं सोना चांदी,

मांगू तो बस तेरा साथ,

ओ मेरे बाबा भोलेनाथ,

ओ मेरे बाबा भोलेंनाथ ॥

बोल पिंजरे का तोता राम (Bol Pinjare Ka Tota Ram)

बोल पिंजरे का तोता राम,
हरे राम राधेश्याम सियाराम रे,

ऋषि पंचमी पर जानें क्या है पुजा का शुभ मुहुर्त और इस दिन का महत्व

भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाने वाला ऋषि पंचमी पर्व हमारे जीवन में पवित्रता और ज्ञान का संगम है।

बिना लक्ष्मण के है जग सुना सुना (Bina Lakshman Ke Hai Jag Soona Soona)

लगी चोट रघुवर के तब ऐसी मन में,
रोके सुग्रीव से बोले जाओ,

गोरी सुत गणराज पधारो (Gauri Sut Ganraj Padharo)

गौरी सूत गणराज पधारो,
आके सारे काज सवारों,

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