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मनोज मुंतशिर रचित भए प्रगट कृपाला दीनदयाला रीमिक्स (New Bhaye Pragat Kripala Bhajan By Manoj Muntashir)

श्री राम जानकी कथा ज्ञान की

श्री रामायण का ज्ञान

भए प्रगट कृपाला दीनदयाला,

कौसल्या हितकारी ।

हरषित महतारी, मुनि मन हारी,

अद्भुत रूप बिचारी ॥


जुग-जुग से हमने पलक बिछायी

तुम्हरी राह बुहारी

तब भाग जागे हैं आज हमारे

आई नाथ सवारी


हनुमान केसरी मात जानकी

सबके साथ बिराजो

लो द्वार खुले हैं आज हृदय के

सबके साथ बिराजो

लो द्वार खुले हैं, आज ह्रदय के

आओ राम विराजो


भए प्रगट कृपाला दीनदयाला,

कौसल्या हितकारी ।

हरषित महतारी, मुनि मन हारी,

अद्भुत रूप बिचारी ॥


सुख लौटे सारे साथ तुम्हारे

मान हर्षे है रघुनंदन

ये चरण तुम्हारे छूके माटी

अवध की हो गयी चंदन

पग धोने को है, व्याकुल सरयू

कृपा करो अवतारी

भए प्रगट कृपाला दीनदयाला,

कौसल्या हितकारी ।


भए प्रगट कृपाला दीनदयाला,

कौसल्या हितकारी ।

हरषित महतारी, मुनि मन हारी,

अद्भुत रूप बिचारी ॥

चंद्र दर्शन का महत्व क्या है

मार्गशीर्ष माह हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना गया है। इस माह में चंद्र दर्शन का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चंद्र दर्शन करने से व्यक्ति के जीवन में शांति और समृद्धि का आगमन होता है। चंद्र देव को मन का कारक और मानसिक संतुलन का प्रतीक माना गया है।

श्री परशुराम चालीसा (Shri Parshuram Chalisa)

श्री गुरु चरण सरोज छवि, निज मन मन्दिर धारि।
सुमरि गजानन शारदा, गहि आशिष त्रिपुरारि।।

आरती श्री जानकीनाथ जी की (Aarti Shri Jankinath Ji Ki)

ॐ जय जानकीनाथा, प्रभु! जय श्रीरघुनाथा।
दोउ कर जोरें बिनवौं, प्रभु! सुनियेबाता॥

मंगल को जन्मे, मंगल ही करते(Mangal Ko Janme Mangal Hi Karte)

मंगल को जन्मे,
मंगल ही करते,

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