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नंगे नंगे पाँव चल आ गया री(Nange Nange Paon Chal Aagaya Ri)

नंगे नंगे पाँव चल आगया री माँ,

इक तेरा पुजारी ॥


तेरा पुजारी मैया, तेरा पुजारी,

नंगे नंगे पाँव चल आगया री माँ,

इक तेरा पुजारी ॥


हाथों में लेकर गंगा जल गागर,

हाथों में लेकर गंगा जल गागर,

श्रद्धा से स्नान करा गया री माँ,

इक तेरा पुजारी ॥


नंगे नंगे पाँव चल आगया री माँ,

इक तेरा पुजारी ॥


लाल लाल चोला किनारी गोटे वाला,

लाल लाल चोला किनारी गोटे वाला,

लाल लाल चुनरी ओड़ा गया री माँ,

इक तेरा पुजारी ॥


नंगे नंगे पाँव चल आगया री माँ,

इक तेरा पुजारी ॥


चाँदी की कटोरी में केसर घोल के,

चाँदी की कटोरी में केसर घोल के,

माथे पे तिलक गया री माँ,

इक तेरा पुजारी ॥


नंगे नंगे पाँव चल आगया री माँ,

इक तेरा पुजारी ॥


चंपा चमेली गुलाब जूही गेंदा,

चंपा चमेली गुलाब जूही गेंदा,

पुष्पों की माला पहना गया री माँ,

इक तेरा पुजारी ॥


नंगे नंगे पाँव चल आगया री माँ,

इक तेरा पुजारी ॥


तेरा पुजारी मैया तेरा पुजारी,

नंगे नंगे पाँव चल आ गया री माँ,

इक तेरा पुजारी ॥

नमो नमो शिवाय(Namo Namo Shivaay)

नमो नमो जय, नमो शिवाय
नमो नमो जय, नमो शिवाय

शिव शंकर तुम कैलाशपति (Shiv Shankar Tum Kailashpati)

शिव शंकर तुम कैलाशपति,
है शीश पे गंग विराज रही,

सखी री बांके बिहारी से हमारी लड़ गयी अंखियाँ (Sakhi Ri Bank Bihaari Se Hamari Ladgayi Akhiyan)

सखी री बांके बिहारी से
हमारी लड़ गयी अंखियाँ ।

माघ माह में स्नान का क्या है धार्मिक महत्व

माघ का महीना हिंदू धर्म में पवित्र महीनों में से एक माना जाता है। इस महीने में स्नान करने का विशेष महत्व है, जिसे माघ स्नान कहते हैं। मान्यता है कि माघ महीने में देवता पृथ्वी पर आते हैं और पवित्र नदियों में स्नान करते हैं।

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