नवीनतम लेख

नंदभवन में उड़ रही धूल(Nand Bhavan Me Ud Rahi Dhul)

नंदभवन में उड़ रही धूल,

धूल मोहे प्यारी लगे ॥


उड़ उड़ धूल मेरे माथे पे आवे,

उड़ उड़ धूल मेरे माथे पे आवे,

मैंने तिलक लगाए भरपूर,

धूल मोहे प्यारी लगे,

नँदभवन में उड़ रही धूल,

धूल मोहे प्यारी लगे ॥


उड़ उड़ धूल मेरे नैनन पे आवे,

उड़ उड़ धूल मेरे नैनन पे आवे,

मैंने दर्शन करे भरपूर,

धूल मोहे प्यारी लगे,

नँदभवन में उड़ रही धूल,

धूल मोहे प्यारी लगे ॥


उड़ उड़ धूल मेरे होठों पे आवे,

उड़ उड़ धूल मेरे होठों पे आवे,

मैंने भजन गाए भरपूर,

धूल मोहे प्यारी लगे,

नँदभवन में उड़ रही धूल,

धूल मोहे प्यारी लगे ॥


उड़ उड़ धूल मेरे हाथन पे आवे,

उड़ उड़ धूल मेरे हाथन पे आवे,

मैंने ताली बजाई भरपूर,

धूल मोहे प्यारी लगे,

नँदभवन में उड़ रही धूल,

धूल मोहे प्यारी लगे ॥


तीन लोक तीरथ नहीं,

जैसी ब्रज की धूल,

लिपटी देखी अंग सो,

भाग जाए यमदूत ।

मुक्ति कहे गोपाल सो,

मेरी मुक्ति बताए,

ब्रजरज उड़ माथे लगे,

मुक्ति भी मुक्त हो जाए ॥


उड़ उड़ धूल मेरे पैरन पे आवे,

उड़ उड़ धूल मेरे पैरन पे आवे,

मैंने परिक्रमा लगाई भरपूर,

धूल मोहे प्यारी लगे,

नँदभवन में उड़ रही धूल,

धूल मोहे प्यारी लगे ॥


नंदभवन में उड़ रही धूल,

धूल मोहे प्यारी लगे ॥

द्वारे चलिए मैय्या के द्वारे चलिए

द्वारे चलिए, मैय्या के द्वारे चलिए
द्वारे चलिए, मैय्या के द्वारे चलिए

वनदेवी की पूजा किस विधि से करें?

हिंदू धर्म में वनदेवी को जंगलों, वनस्पतियों, और वन्य जीवों की अधिष्ठात्री माना जाता है। वे प्रकृति के संरक्षण और संवर्धन का प्रतीक हैं। इतना ही नहीं, कई आदिवासी समुदायों में वनदेवी को आराध्य देवी के रूप में पूजा जाता है।

है अनुपम जिसकी शान, उसको कहते है हनुमान (Hai Anupam Jiski Shan Usko Kahte Hai Hanuman)

है अनुपम जिसकी शान, उसको कहते है हनुमान,

हार के आया मैं जग सारा (Haare Ka Sahara Mera Shyam)

हार के आया मैं जग सारा,
तेरी चौखट पर,

यह भी जाने