नवीनतम लेख

नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे (Namaste Sada Vatsale Matruṛbhume)

नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे

त्वया हिन्दुभूमे सुखं वर्धितोऽहम् ।

महामंगले पुण्यभूमे त्वदर्थे

पतत्वेष कायो नमस्ते नमस्ते ॥१॥


प्रभो शक्तिमन् हिन्दुराष्ट्रांगभूता

इमे सादरं त्वां नमामो वयम्

त्वदीयाय कार्याय बद्धा कटीयम्

शुभामाशिषं देहि तत्पूर्तये ।


अजय्यां च विश्वस्य देहीश शक्तिम्

सुशीलं जगद् येन नम्रं भवेत्

श्रुतं चैव यत् कण्टकाकीर्णमार्गम्

स्वयं स्वीकृतं नः सुगंकारयेत् ॥२॥


समुत्कर्ष निःश्रेयसस्यैकमुग्रम्

परं साधनं नाम वीरव्रतम्

तदन्तः स्फुरत्वक्षया ध्येयनिष्ठा

हृदन्तः प्रजागर्तु तीव्राऽनिशम् ।


विजेत्री च नः संहता कार्यशक्तिर्

विधायास्य धर्मस्य संरक्षणम्

परं वैभवं नेतुमेतत् स्वराष्ट्रम्

समर्था भवत्वाशिषा ते भृशम् ॥३॥

सात्विक मंत्र के क्या लाभ है?

सात्विक मंत्रों का जाप हमारे जीवन को सकारात्मकता और शांति से भर सकता है। ये मंत्र न केवल आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होते हैं, बल्कि मन की अशांति और नकारात्मक विचारों को भी दूर करते हैं।

निशदिन तेरी पावन (Nis Din Teri Pawan Jyot Jagaaon)

निशदिन तेरी पावन,
ज्योत जगाऊँ मैं,

दर बालाजी के अर्जी लगाले (Dar Balaji Ke Arji Laga Le)

दर बालाजी के अर्जी लगाले,
आज श्रद्धा से तू बाबा को मनाले,

शिव सन्यासी से मरघट वासी से (Shiv Sanyasi Se Marghat Wasi Se)

शिव सन्यासी से मरघट वासी से,
मैया करूँगी मैं तो ब्याह,

यह भी जाने