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नमामि-नमामि अवध के दुलारे ।

खड़ा हाथ बांधे मैं दर पर तुम्हारे ॥


न करता हूं भक्ति न जप योग साधन ।

कैसे कटेंगे यह माया के बंधन ॥

दुःखी दीन हो के यह मनवा पुकारे ॥


नमामि-नमामि अवध के दुलारे ।

भंवर में पड़ी आ के नैया यह मेरी ।

सहारा न दूजा है इक आस तेरी ॥

तू बन के खिवैया लगा दे किनारे ॥

नमामि-नमामि अवध के दुलारे ।


मैं कामी हूं क्रोधी हूं लोभी अवारा ।

लिया नाम दिल से कभी न तुम्हारा ॥

दया कर क्षमा कर तू बख्श बख्शन हारे ॥

नमामि-नमामि अवध के दुलारे ।


बिनती यही है प्रभु के चरण में ।

आये हैं हम सब तुम्हारी शरण में ॥

करो दूर अवगुण जो होवें हमारे ॥

नमामि-नमामि अवध के दुलारे ।

हरियाली अमावस्या : पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करने और पर्यावरण संरक्षण का अनोखा पर्व

आज 4 अगस्त यानी रविवार को हरियाली अमावस्या है, ये तिथि भगवान शिव को समर्पित श्रावण मास की एक विशेष तिथि है जो हिंदू धर्म में काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है। माना जाता है कि साल के इस समय धरती हरियाली की चादर से ढक जाती है इसलिए श्रावण अमावस्या को हरियाली का त्यौहार कहा जाता है।

झाड़ो मोरछड़ी को लगवाले, हो जासी कल्याण: भजन (Jhado Morchadi Ko Lagwa Le Ho Jasi Kalyan)

झाड़ो मोरछड़ी को लगवाले,
हो जासी कल्याण,

जिनके हृदय श्री राम बसे(Jinke Hridey Shri Ram Base)

जिनके हृदय श्री राम बसे,
उन और को नाम लियो ना लियो ।

बोल बम बम प्यारे बोल बम बम (Bol Bam Bam Pyare Bol Bam Bam)

बम बम बम बम बम बम बम बम,
जिंदगी में कुछ भी रहेगा नही गम,