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हाय नजर ना लग जाये(Najar Naa Lag Jaye)

ओ मोटे मोटे नैनन के तू ,

ओ मीठे मीठे बैनन के तू

साँवरी सलोनी सूरत के तू ,

ओ प्यारी प्यारी मूरत के तू ।

ओ कजरारे मोटे मोटे तेरे नैन,

हाय नजर ना लग जाये,

बाँके-बिहारी कजरारे मोटे मोटे तेरे नैन,

हाय नजर ना लग जाये ॥


काजल की कोरे - ओय होय होय,

मेरा जिगर मरोड़े - ओय होय होय,

रंग रस में भोरे - ओय होय होय,

मै तो हारी रे कजरारे मोटे मोटे तेरे नैन,

हाय नजर ना लग जाये ॥


आँखों का काजल - ओय होय होय,

मेरा जिगर है घायल - ओय होय होय,

तेरे प्यार में पागल - ओय होय होय,

कर डारि रे कजरारे मोटे मोटे तेरे नैन,

हाय नजर ना लग जाये ॥


तेरे मुकुट की लटकन - ओय होय होय,

तेरे अधर की मुस्कन - ओय होय होय,

गिरवह की मटकन - ओय होय होय,

बलिहारी रे कजरारे मोटे मोटे तेरे नैन,

हाय नजर ना लग जाये ॥


तेरी प्रीत है टेडी - ओय होय होय,

तेरी रीत है टेडी - ओय होय होय,

तेरी जीत है टेडी - ओय होय होय,

मै तो हारी रे कजरारे मोटे मोटे तेरे नैन

हाय नजर ना लग जाये ॥


बाँके-बिहारी कजरारे मोटे मोटे तेरे नैन

हाय नजर ना लग जाये - ओय होए होय

ओय नजर ना लग जाये - ओय होए होय

हाय नजर ना लग जाये - ओय होए होय

कैलाश के निवासी नमो बार बार हूँ (Kailash Ke Nivasi Namo Bar Bar Hoon)

कैलाश के निवासी नमो बार बार हूँ,
आये शरण तिहारी प्रभु तार तार तू,

करवा चौथ व्रत कथा (Karva Chauth Vrat Katha)

एक साहूकार था जिसके सात बेटे और एक बेटी थी। सातों भाई व बहन एक साथ बैठकर भोजन करते थे। एक दिन कार्तिक की चौथ का व्रत आया तो भाई बोला कि बहन आओ भोजन करें।

मेरी अखियाँ तरस रही, भोले का दीदार पाने को(Meri Akhiyan Taras Rahi Bhole Ka Didar Pane Ko)

मेरी अखियाँ तरस रही,
भोले का दीदार पाने को,

हे भोले शंकर पधारो (Hey Bhole Shankar Padharo)

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