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मुझे कैसी फिकर सांवरे साथ तेरा है गर सांवरे (Mujhe Kaisi Fikar Saware Sath Tera Hai Gar Saware)

मुझे कैसी फिकर सांवरे,

साथ तेरा है गर सांवरे,

मेरे होंठो पे रहती हंसी,

कोई गम ना बस है ख़ुशी,

मुझे कैसी फ़िक्र सांवरे,

साथ तेरा है गर सांवरे ॥


कितनी मुश्किल जो आए,

मैं तो खिलखिलाता रहूं,

तेरी किरपा से विपदाओं को,

दूर भगाता रहूं,

मुझे दुनिया की परवाह नहीं,

सिवा तेरे कोई चाह नहीं,

मुझे कैसी फ़िक्र सांवरे,

साथ तेरा है गर सांवरे ॥


मेरे संग में जो तू है,

मैं तेरे गीत गाता रहूं,

तेरी चौखट पे हरदम यूँ ही,

श्याम आता रहूं,

तूने थामा है दामन मेरा,

किया अहसान बाबा बड़ा,

मुझे कैसी फ़िक्र सांवरे,

साथ तेरा है गर सांवरे ॥


तेरी महिमा को कान्हा,

यूँ ही गुनगुनाता रहूं,

अपने हाथों से सांवरिये को,

रोज सजाता रहूं,

कभी ना बिछड़ूँ दर से तेरे,

‘हर्ष’ अरमान इतने मेरे,

मुझे कैसी फ़िक्र सांवरे,

साथ तेरा है गर सांवरे ॥


मुझे कैसी फिकर सांवरे,

साथ तेरा है गर सांवरे,

मेरे होंठो पे रहती हंसी,

कोई गम ना बस है ख़ुशी,

मुझे कैसी फ़िक्र सांवरे,

साथ तेरा है गर सांवरे ॥

नगरी हो अयोध्या सी, रघुकुल सा घराना हो (Nagri Ho Ayodhya Si, Raghukul Sa Gharana Ho)

नगरी हो अयोध्या सी,
रघुकुल सा घराना हो ।

सुहागिनों के लिए क्यों खास है गणगौर

गणगौर व्रत भारतीय संस्कृति में स्त्रियों की श्रद्धा, प्रेम और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। यह पर्व विशेष रूप से राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।

जया एकादशी चालीसा का पाठ

माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को जया एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा विधिवत रूप से करने से व्यक्ति को उत्तम फलों की प्राप्ति हो सकती है।

भोले शंकर मैं तुम्हारा, लगता नहीं कोई (Bhole Shankar Main Tumhara Lagta Nahi Koi)

भोले शंकर मैं तुम्हारा,
लगता नहीं कोई,