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मुझे झुँझनु में अगला जनम देना (Mujhe Jhunjhunu Me Agla Janam Dena)

मेरी भक्ति के बदले वचन देना,

मुझे झुँझनु में अगला जनम देना ॥


रोज़ मुझे दर पे बुलाती तू रहना,

हाथ मेरे सर पे फिराती तू रहना,

मेरी झोली में सेवा का धन देना,

मुझे झुँझनु में अगला जनम देना ॥


मंदिर तेरा मुक्ति का धाम दादी,

इतना सा करना बस एहसान दादी,

तेरी चौखट पे जीवन मरण देना,

मुझे झुँझनु में अगला जनम देना ॥


आँखों से आंसू बरसने लगे माँ,

सुनने को कान तरसने लगे माँ,

मेरे भजनों में इतना वजन देना,

मुझे झुँझनु में अगला जनम देना ॥


जिस चुनड़ी का देव गुणगान करते,

झुक झुक ‘बनवारी’ जिसे प्रणाम करते,

इसके आँचल में मुझको शरण देना,

मुझे झुँझनु में अगला जनम देना ॥


मेरी भक्ति के बदले वचन देना,

मुझे झुँझनु में अगला जनम देना ॥

शरद पूर्णिमा की खीर

कोजागरा पूजा जिसे कोजागरी पूर्णिमा भी कहा जाता है, मिथिलांचल सहित पूरे उत्तर भारत का एक महत्वपूर्ण पर्व है।

मेरी शेरावाली मां, बदलती तकदीरे (Meri Sherawali Maa Badalti Takdire)

कभी जल्दी जल्दी,
कभी धीरे धीरे,

था बिन दीनानाथ आंगली कुण पकड़सी जी(Tha Bin Dheenanath Aangli Kun Pakadsi Ji)

था बिन दीनानाथ,
आंगली कुण पकड़सी जी,

श्रीमन नारायण नाम संकीर्तन (Sriman Narayan Nama Sankirtan)

श्रीमन्नारायण नारायण नारायण नारायण ।टेक।
लक्ष्मीनारायण नारायण नारायण नारायण

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