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मुझे चरणों से लगाले, मेरे श्याम मुरली वाले(Mujhe Charno Se Lagale Mere Shyam Murli Wale)

मुझे चरणों से लगाले,

मेरे श्याम मुरली वाले ।

मेरी स्वास-स्वास में तेरा,

है नाम मुरली वाले ॥


भक्तों की तुमने कान्हा,

विपदा है टारी,

मेरी भी बाह थामो,

आ के बिहारी ।

बिगड़े बनाए तुमने,

हर काम मुरली वाले ॥


मुझे चरणों से लगाले,

मेरे श्याम मुरली वाले ।


पतझड़ है मेरा जीवन,

बन के बहार आजा,

सुन ले पुकार कान्हा,

बस एक बार आजा ।

बैचैन मन के तुम्हीं,

आराम मुरली वाले ॥


मुझे चरणों से लगाले,

मेरे श्याम मुरली वाले ।


तुम हो दया के सागर,

जन्मों की मैं हूँ प्यासी,

दे दो जगह मुझे भी,

चरणों में बस जरा सी ।

सुबह तुम्हीं हो, तुम्हीं ही,

मेरी श्याम मुरली वाले ॥


मुझे चरणों से लगाले,

मेरे श्याम मुरली वाले ।


मुझे चरणों से लगाले,

मेरे श्याम मुरली वाले ।

मेरी स्वास स्वास में तेरा,

है नाम मुरली वाले ॥

श्री रामायण जी की आरती (Shri Ramayan Ji Ki Aarti)

आरती श्री रामायण जी की।
कीरति कलित ललित सिया-पी की॥

नमामि श्री गणराज दयाल(Namami Shri Ganraj Dayal)

नमामि श्री गणराज दयाल,
करत हो भक्तन का प्रतिपाल,

सोने की लंका जलाए गयो रे, एक छोटो सो वानर (Sone Ki Lanka Jalai Gayo Re Ek Choto So Vanar)

सोने की लंका जलाए गयो रे,
एक छोटो सो वानर,

मौनी अमावस्या पर स्नान के शुभ मुहूर्त

माघ मास की अमावस्या, जिसे मौनी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन को लेकर कई तरह की धार्मिक मान्यताएं और परंपराएं जुड़ी हुई हैं। माना जाता है कि इस दिन पितृ देवता धरती पर आते हैं और अपने वंशजों के द्वारा किए गए पिंडदान से प्रसन्न होते हैं।

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