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म्हारा सालासर का बाला, ओ जी अंजनी माँ का लाला(Mhara Salasar Ka Bala O Ji Anjani Maa Ka Lala)

म्हारा सालासर का बाला,

ओ जी अंजनी माँ का लाला,

मने घणो ही प्यारो,

लागे थारो धाम जी,

थारी मूरतिया मन भाई,

आंख्या तरसे दर्शन ताई,

मैं तो रटता आवा,

बाबा थारो नाम जी ॥


चमचम चमचम चंदा जेहड़ो,

थारो मुखड़ो चमके,

जगमग जगमग ज्योत जले,

सारो मंदिर यो दमके,

माला गले में महके जी,

पगा में घुंघरू सोहे है जी,

छमछम बाजण वाला,

म्हारां सालासर का बाला,

ओ जी अंजनी माँ का लाला,

मने घणो ही प्यारो,

लागे थारो धाम जी ॥


जय हनुमान ज्ञान गुण सागर,

जय विक्रम बजरंगी,

जय कपीस तिहुँ लोक उजागर,

जय हनुमान अढ़ंगी,

सालासर का राजा जी,

रटता आवा म्हे बालाजी,

थारा नाम की माला,

म्हारां सालासर का बाला,

ओ जी अंजनी माँ का लाला,

मने घणो ही प्यारो,

लागे थारो धाम जी ॥


केसरिया बागा में बाबा,

लागो हो थे प्यारा,

थारी किरपा रा मंदिर में,

देख्या खूब नजारा,

‘बागड़ा’ था सु अरज करे,

हो ना जाइजो म्हासु बेखबर,

बालाजी मतवाला,

म्हारां सालासर का बाला,

ओ जी अंजनी माँ का लाला,

मने घणो ही प्यारो,

लागे थारो धाम जी ॥


म्हारा सालासर का बाला,

ओ जी अंजनी माँ का लाला,

मने घणो ही प्यारो,

लागे थारो धाम जी,

थारी मूरतिया मन भाई,

आंख्या तरसे दर्शन ताई,

मैं तो रटता आवा,

बाबा थारो नाम जी ॥

शेरावाली का सच्चा दरबार है (Sherawali Ka Sacha Darbar Hai)

शेरावाली का सच्चा दरबार है,
यहाँ पे भरते भक्तो के भंडार है,

सोमवती अमावस्या व्रत से बदलेगी किस्मत

सनातन हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि काफ़ी महत्वपूर्ण माना जाता है। अमावस्या तिथि कृष्ण पक्ष के अंतिम दिन होती है और इस दिन आकाश में चांद दिखाई नहीं देता है। प्रत्येक साल कुल 12 अमावस्या पड़ती हैं।

मत कर तू अभिमान रे बंदे (Mat Kar Tu Abhiman Re Bande)

मत कर तू अभिमान रे बंदे,
जूठी तेरी शान रे ।

सोना-चांदी की पूजा विधि

हिंदू धर्म में सोने और चांदी की धातुओं का विशेष महत्व है। सदियों से ये भारतीय घरों का अभिन्न हिस्सा रही हैं। भारतीय संस्कृति में सोना-चांदी को समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।

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