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मेरो मन राम ही राम रटे रे (Mero Maan Ram Hi Ram Rate Re)

मेरो मन राम ही राम रटे रे,

राम ही राम रटे रे ॥


राम नाम जप लीजे प्राणी,

कोटिक पाप कटे रे,

राम नाम जप लीजे प्राणी,

कोटिक पाप कटे रे,

जनम जनम के खत जो पुराने,

जनम जनम के खत जो पुराने,

नाम ही लेत फटे रे,

मेरो मन राम ही राम रटें रे,

राम ही राम रटे रे ॥


कनक कटोरे अमृत भरियो,

पीवत कौन नटे रे,

कनक कटोरे अमृत भरियो,

पीवत कौन नटे रे,

मीरा कहे प्रभु हरि अविनाशी,

मीरा कहे प्रभु हरि अविनाशी,

तन मन ताही फटे रे,

मेरो मन राम ही राम रटें रे,

राम ही राम रटे रे ॥


मेरो मन राम ही राम रटे रे,

राम ही राम रटे रे ॥

उठ जाग मुसाफिर भोर भई (Bhajan: Uth Jag Musafir Bhor Bhai)

उठ जाग मुसाफिर भोर भई,
अब रैन कहाँ जो सोवत है ।

दे दो अंगूठी मेरे प्राणों से प्यारी(De Do Anguthi Mere Prano Se Pyari)

दे दो अंगूठी मेरे प्राणों से प्यारी
इसे लाया है कौन, इसे लाया है कौन

सरस्वती नदी की पूजा कैसे करें?

सरस्वती नदी का उल्लेख विशेष रूप से ऋग्वेद, महाभारत, और विष्णु पुराण जैसे ग्रंथों में किया गया है। वेदों में इसे एक दिव्य नदी के रूप में पूजा गया है और यह ज्ञान, कला और संगीत की देवी सरस्वती से जुड़ी हुई मानी जाती है।

सिया जी से पूछ रहे अंजनी के लाला: भजन (Siya Ji Se Puch Rahe Anjani Ke Lala)

सिया जी से पूछ रहे अंजनी के लाला,
मांग में सिंदूर मैया किस लिए डाला,