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मेरो कान्हा गुलाब को फूल (Mero Kanha Gulab Ko Phool)

मेरो कान्हा गुलाब को फूल,

किशोरी मेरी कुसुम कली ॥

मेरो कान्हा गुलाब को फूल,

किशोरी मेरी कुसुम कली ॥


कान्हा मेरो नन्द जू को छौना

राधे मेरी बृषभानु लली

किशोरी मेरी कुसुम कली ।


मेरो कान्हा गुलाब को फूल,

किशोरी मेरी कुसुम कली ॥


कान्हा मांगे माखन लौना

राधे भावे मिश्री की डली

किशोरी मेरी कुसुम कली ।


मेरो कान्हा गुलाब को फूल,

किशोरी मेरी कुसुम कली ॥


कान्हा खेले नन्द जो के अंगना

राधे खेले रंगीली गली

किशोरी मेरी कुसुम कली ।


मेरो कान्हा गुलाब को फूल,

किशोरी मेरी कुसुम कली ॥


ब्रिज निधि दर्शन की प्यासी

वो तो भटके गली गली

किशोरी मेरी कुसुम कली ।


मेरो कान्हा गुलाब को फूल,

किशोरी मेरी कुसुम कली ॥

सीता माता जी की आरती (Sita Mata Ki Aarti)

आरती श्री जनक दुलारी की, सीताजी श्रीरघुवर प्यारी की॥
आरती श्री जनक दुलारी की, सीताजी श्रीरघुवर प्यारी की॥

कृष्ण घर नन्द के जन्मे, सितारा हो तो ऐसा हो (Krishna Ghar Nand Ke Janme Sitara Ho To Aisa Ho)

कृष्ण घर नन्द के जन्मे,
दुलारा हो तो ऐसा हो,

प्रीत मे पूजे नाम तुम्हारा (Preet Main Puje Naam Tumhara)

प्रीत मे पूजे नाम तुम्हारा,
गणपति जगत खिवैया,

वैशाख शुक्ल पक्ष की मोहिनी नामक एकादशी (Vaishaakh Shukl Paksh Kee Mohinee Naamak Ekaadashee)

भगवान् कृष्ण के मुखरबिन्द से इतनी कथा सुनकर पाण्डुनन्दन महाराज युधिष्ठिर ने उनसे कहा - हे भगवन् ! आपकी अमृतमय वाणी से इस कथा को सुना परन्तु हृदय की जिज्ञासा नष्ट होने के बजाय और भी प्रबल हो गई है।