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मेरी विनती है तुमसे गौरा रानी (Meri Vinti Yahi Hai Gaura Rani)

मेरी विनती है तुमसे गौरा रानी,

शिवजी से हमें जोड़े रखना,

जपूँ ओमकारा गौरा रानी,

जपूँ ओमकारा गौरा रानी,

शिवजी से हमें जोड़े रखना,

शिवजी से हमें जोड़े रखना ॥


तोड़े दुनिया के बंधन सारे,

मैं शिव की शरण आ गया,

मैं शिव की शरण आ गया,

जपूँ ओमकारा गौरा रानी,

जपूँ ओमकारा गौरा रानी,

शिवजी से हमें जोड़े रखना,

शिवजी से हमें जोड़े रखना ॥


शिव नाम की माला फेरूं,

गौरा जी तेरा नाम सिमरु,

गौरा जी तेरा नाम सिमरु,

मैया गौरा तू भोलेजी की प्यारी,

मैया गौरा तू भोलेजी की प्यारी,

ये प्रीत सदा जोड़े रखना,

शिवजी से हमें जोड़े रखना ॥


भोले नाम का मैं जोगी बनके,

मगन रहूं भक्ति में,

मगन रहूं भक्ति में,

कहे वैरागी शिव वरदानी,

कहे वैरागी शिव वरदानी,

चरणों में तू बिठाए रखना,

शिवजी से हमें जोड़े रखना ॥


मेरी विनती है तुमसे गौरा रानी,

शिवजी से हमें जोड़े रखना,

जपूँ ओमकारा गौरा रानी,

जपूँ ओमकारा गौरा रानी,

शिवजी से हमें जोड़े रखना,

शिवजी से हमें जोड़े रखना ॥

कैसी यह देर लगाई दुर्गे... (Kaisi Yeh Der Lagayi Durge)

कैसी यह देर लगाई दुर्गे, हे मात मेरी हे मात मेरी।
भव सागर में घिरा पड़ा हूँ, काम आदि गृह में घिरा पड़ा हूँ।

क्या है कालाष्टमी कथा

हिंदू धर्म में हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इसे भैरव अष्टमी के रूप में भी जाना जाता है।

सिंघ सवारी महिमा भारी: भजन (Singh Sawari Mahima Bhari)

सिंघ सवारी महिमा भारी,
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मेरी मैया तेरे दरबार ये,
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