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मेरी शेरावाली मां, बदलती तकदीरे (Meri Sherawali Maa Badalti Takdire)

कभी जल्दी जल्दी,

कभी धीरे धीरे,

मेरी शेरावाली माँ,

बदलती तकदीरे ॥


कहते है कोई बदल ना पाता,

है हाथों की रेखा,

पर ये करिश्मा हमने माँ को,

रोज ही करते देखा,

तभी तो ये दुनियाँ,

दीवानी इसकी रे,

मेरी शेरावाली मां,

बदलती तकदीरे ॥


दीन दुखी लाखों ही आते,

मैया जी के द्वारे,

बारी बारी से मेरी मैया,

सबके काज संवारे,

यहाँ पर तो भरती,

झोलियाँ सब की रे,

मेरी शेरावाली मां,

बदलती तकदीरे ॥


अगर भरोसा सच्चा हो तो,

काम बने एक पल में,

देर उन्ही को लगती जिनके,

शंका रहती मन में,

कहे ‘सोनू’ रखो,

भावना सच्ची रे,

मेरी शेरावाली मां,

बदलती तकदीरे ॥


कभी जल्दी जल्दी,

कभी धीरे धीरे,

मेरी शेरावाली माँ,

बदलती तकदीरे ॥

तारा है सारा जमाना, श्याम हम को भी तारो (Tara Hai Sara Zamana, Shyam Hamko Bhi Taro)

तारा है सारा जमाना,
श्याम हम को भी तारो ।

बरसाने की लट्ठमार होली

बरसाने में हर साल लट्ठमार होली फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर मनाई जाती है। इस साल 2025 में यह त्योहार 8 मार्च को मनाया जाएगा। पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार भगवान श्रीकृष्ण अपने मित्रों के साथ राधारानी से भेंट करने के लिए बरसाना गए, और वहां जाकर राधारानी और उनकी सखियों को छेड़ने लगे।

आज है आनंद बाबा नन्द के भवन में - भजन (Aaj Hai Anand Baba Nand Ke Bhawan Mein)

आज है आनंद बाबा नन्द के भवन में,
ऐसा ना आनंद छाया कभी त्रिभुवन में,

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