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मेरी मैया तेरे दरबार ये, दीवाने आए है (Meri Maiya Tere Darbar Ye Diwane Aaye Hai)

मेरी मैया तेरे दरबार ये,

दीवाने आए है,

भक्ति में तेरी डूब के ये,

भक्ति में तेरी डूब के ये,

मस्ताने आए है,

मेरी मईया तेरे दरबार ये,

दीवाने आए है ॥


सारे जग में तेरा बोल बाला,

तेरा दरबार है सबसे आला,

जो भी आए माँ दर पे सवाली,

उसकी झोली भरी तूने खाली,

माँ श्रद्धा सुमन की भेट तुम्हे,

चढ़ाने आए है,

मेरी मईया तेरे दरबार ये,

दीवाने आए है ॥


तू ही करुणा का सागर भवानी,

नही तुझसा बड़ा कोई दानी,

तेरी भक्ति में शक्ति समानी,

जाए महिमा ना तेरी बखानी,

तेरे चरणों में अपना शीश,

ये माँ झुकाने आए है,

मेरी मईया तेरे दरबार ये,

दीवाने आए है ॥


आओ मिल जगराता मनाए,

झूमे भक्ति में नाचे गाए,

ढोल जम के बजा मेरे ढोली,

माँ के भक्तो की निकली है टोली,

माँ तेरे नाम की लाल ध्वजा,

लहराने आए है,

मेरी मईया तेरे दरबार ये,

दीवाने आए है ॥


मेरी मैया तेरे दरबार ये,

दीवाने आए है,

भक्ति में तेरी डूब के ये,

भक्ति में तेरी डूब के ये,

मस्ताने आए है,

मेरी मईया तेरे दरबार ये,

दीवाने आए है ॥

मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना (Mujhe Ras Agaya Hai Tere Dar Pe Sar Jhukana)

मुझे रास आ गया है,
तेरे दर पे सर झुकाना ।

काल भैरव के 108 मंत्र

मार्गशीर्ष माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालभैरव जयंती मनाई जाती है, जिसे कालभैरव अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन काशी के कोतवाल कहे जाने वाले भगवान काल भैरव की पूजा का विधान है।

डिमिक डिमिक डमरू कर बाजे(Dimik Dimik Damru Kar Baje)

डिमिक डिमिक डमरू कर बाजे,
प्रेम मगन नाचे भोला, भोला,

मेरी शेरावाली मां, बदलती तकदीरे (Meri Sherawali Maa Badalti Takdire)

कभी जल्दी जल्दी,
कभी धीरे धीरे,

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